गंगेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन – 84 महादेवों में 42वां तीर्थ
उज्जैन के 84 महादेवों में 42वें स्थान पर स्थित गंगेश्वर महादेव मंदिर का पौराणिक महत्व जानें। कथा, पूजा विधि और दर्शन की जानकारी पाएं।

उज्जैन नगरी को महाकाल की नगरी कहा जाता है, और यहाँ स्थित हैं 84 महादेव मंदिर, जिनमें से एक है गंगेश्वर महादेव। यह मंदिर 84 महादेवों में 42वें स्थान पर स्थित है। इसका धार्मिक, पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत विशेष है।
पौराणिक कथा
गंगेश्वर महादेव से जुड़ी मान्यता है कि यहां स्वयं भगवान शिव ने प्रकट होकर गंगा को शांत किया था, जब गंगा पृथ्वी पर उतरने के बाद अपने वेग से सबकुछ बहा ले जा रही थीं। शिव ने यहां आकर गंगा को अपनी जटाओं में समेटा और फिर उन्हें नियंत्रित किया। इसी कारण इस स्थान का नाम पड़ा गंगेश्वर – अर्थात् "गंगा के ईश्वर"।
धार्मिक महत्व
यह मंदिर उन श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पावन स्थल है जो उज्जैन की 84 महादेव यात्रा कर रहे हैं। कहा जाता है कि जो भक्त पूरे श्रद्धा भाव से यहां भगवान शिव का जलाभिषेक करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।
दर्शन और पूजा का समय
प्रातःकाल: 5:00 बजे से
सायंकाल: 9:00 बजे तक
विशेष अवसरों पर महाशिवरात्रि, श्रावण मास, और सोमवार को यहाँ भक्तों की भीड़ रहती है।
मंदिर तक पहुँचने का मार्ग
गंगेश्वर महादेव मंदिर, उज्जैन शहर के भीतर स्थित है और स्थानीय साधनों से आसानी से पहुँचा जा सकता है। यह महाकालेश्वर मंदिर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है।
ऑनलाइन पूजन और टूर सुविधा
अगर आप स्वयं दर्शन नहीं कर सकते, तो आप Mahakal.com के माध्यम से ऑनलाइन पूजन, पंडित बुकिंग, और टूर गाइड सेवा का लाभ ले सकते हैं।
गंगेश्वर महादेव मंदिर न सिर्फ 84 महादेवों का हिस्सा है, बल्कि यह शिवभक्तों के लिए एक गहरा आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। उज्जैन की यात्रा में यह मंदिर अवश्य शामिल करें और भगवान शिव के इस रूप का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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