घंटेश्वर महादेव मंदिर: इतिहास, महत्व, दर्शन और पूजा विधि
घंटेश्वर महादेव मंदिर एक प्राचीन शिवालय है जहाँ भक्त मनोकामना पूरी होने पर घंटियाँ अर्पित करते हैं। जानें इतिहास, महत्व और पूजा विधि।

भगवान शिव को भोलेनाथ, महादेव, शंकर और शंभू जैसे कई नामों से जाना जाता है। उनकी भक्ति पूरे भारतवर्ष में गहरी आस्था से जुड़ी हुई है। इन्हीं में से एक पवित्र स्थान है घंटेश्वर महादेव मंदिर। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहाँ भक्तजन अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण होने पर घंटी चढ़ाते हैं। यही कारण है कि इस स्थान को घंटेश्वर महादेव कहा जाता है।
इतिहास और पौराणिक मान्यता
घंटेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन माना जाता है। लोककथाओं के अनुसार, यहाँ जो भी सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है। जब उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है, तो वह भगवान को धन्यवाद स्वरूप मंदिर में घंटी अर्पित करता है। इस प्रकार समय के साथ मंदिर में हजारों घंटियाँ स्थापित हो गईं और यह स्थान घंटियों का शिवालय कहलाने लगा।
मंदिर का महत्व
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मनोकामनाएँ पूरी करने वाला मंदिर
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पारिवारिक सुख-शांति और संतान प्राप्ति की कामना
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व्यापार और नौकरी में सफलता
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मानसिक शांति और रोग निवारण
पूजा विधि
घंटेश्वर महादेव मंदिर में भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और फूल अर्पित करते हैं।
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प्रातःकाल जलाभिषेक और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप।
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शाम को दीप प्रज्वलन और आरती।
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मनोकामना पूरी होने पर मंदिर में घंटी चढ़ाने की परंपरा।
विशेष अवसर
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महाशिवरात्रि पर यहाँ भव्य आयोजन होता है और हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुँचते हैं।
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सावन माह के सोमवार को विशेष भीड़ रहती है।
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इस दिन शिव भक्त व्रत और रुद्राभिषेक करते हैं।
यात्रा अनुभव
घंटेश्वर महादेव मंदिर पहुँचते ही भक्तों को मंदिर परिसर में गूंजती घंटियों की ध्वनि दिव्यता और आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराती है। यह स्थान भक्तों के लिए श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत केंद्र है।
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