पंचसागर वाराही देवी मंदिर: उत्तर प्रदेश की पवित्र धरोहर

पंचसागर वाराही देवी मंदिर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित एक प्रमुख शक्ति पीठ है। जानिए मां वाराही के स्वरूप, पूजा विधि और धार्मिक महत्त्व के बारे में।

पंचसागर वाराही देवी मंदिर: उत्तर प्रदेश की पवित्र धरोहर

पंचसागर वाराही देवी शक्तिपीठ वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित एक प्रसिद्ध शक्ति पीठ है। यह स्थान हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि कहा जाता है कि यहाँ माता सती के निचले दांत गिरे थे। इस मंदिर में माता सती को माँ वाराही स्वरूप में और भगवान शिव को महारुद्र के रूप में पूजा जाता है।

मां वाराही का स्वरूप और महत्व

मां वाराही को भगवान विष्णु के वराह अवतार की शक्ति के रूप में माना जाता है। उनका मुख सूअर (बोअर) के सिर जैसा होता है और हाथों में चक्र, शंख और तलवार लिए रहती हैं। वे स्त्री ऊर्जा की प्रतिनिधि हैं और राक्षसों का संहार कर धर्म की स्थापना करती हैं।

पूजा और परंपराएं

यहाँ वाराही देवी की विशेष पूजा होती है, जिसमें दुर्गा पूजा और नवरात्रि के दौरान भक्त बड़ी संख्या में आते हैं। भक्त उन्हें फूल, फल, और विशेष भारतीय प्रसाद अर्पित करते हैं। पंचसागर मंदिर शक्ति, संरक्षण और आध्यात्मिक उन्नति का केंद्र माना जाता है।

धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व

पंचसागर वाराही देवी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यहां की परंपराएं और तीर्थ यात्राएं भारतीय संस्कृति की धरोहर को जीवित रखती हैं। यह स्थान आस्था, शक्ति, और भक्तिभाव का अनूठा संगम है।

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