केदार गौरी व्रत: एक दिव्य अनुष्ठान

केदार गौरी व्रत 2025: 21 दिनों तक चलने वाला शिव-गौरी पूजा व्रत, जो सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य लाता है। जानिए पूजा विधि, कथा और महत्व।

केदार गौरी व्रत: एक दिव्य अनुष्ठान

केदार गौरी व्रत, जिसे केदारेश्वर व्रत के नाम से भी जाना जाता है, भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक पवित्र व्रत है। यह व्रत विशेष रूप से दक्षिण भारत के तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्रों में दिवाली के दिन या कार्तिक अमावस्या को 21 दिनों तक मनाया जाता है। इस व्रत का उद्देश्य शिव-गौरी की कृपा प्राप्त करना और परिवार में सुख-समृद्धि लाना है।

पौराणिक कथा:

कहानी के अनुसार, माता पार्वती के एक भक्त ने उनकी भक्ति छोड़कर भगवान शिव की पूजा शुरू कर दी, जिससे माता पार्वती क्रोधित हो गईं। उन्होंने भगवान शिव के शरीर का आधा हिस्सा पाने के लिए ऋषि गौतम की तपस्या की। ऋषि गौतम ने माता पार्वती को 21 दिनों तक केदार गौरी व्रत रखने का उपदेश दिया। माता ने श्रद्धा से 21 दिन यह व्रत रखा और प्रसन्न होकर भगवान शिव ने अपने शरीर का बायां हिस्सा उन्हें प्रदान किया। तब से यह व्रत मनाया जाता है और शिव का वह अर्धनारीश्वर स्वरूप अत्यंत पूजनीय माना जाता है।

व्रत का महत्व:

केदार गौरी व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, साथ ही जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। यह व्रत भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खोलता है और परिवार में खुशहाली लाता है। पूजा के दौरान भगवान शिव और माता गौरी की उपासना से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और भक्तों की रक्षा होती है।

पूजा विधि:

  • व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।

  • भगवान शिव और माता गौरी की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।

  • जल से भरे कलश में भगवान केदारेश्वर को स्थापित करें और उस पर मंडप बनाएं।

  • कलश के चारों ओर 21 गांठों वाले धागे बांधें।

  • चंदन, कुमकुम, अक्षत, फूल और फल अर्पित करें।

  • 21 प्रकार के भोग भगवान शिव और पार्वती को चढ़ाएं।

  • पूरे 21 दिन उपवास रखें या फलाहार करें।

  • व्रत पूर्ण होने पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान करें।

  • मंत्र जाप और आराधना के साथ व्रत का पालन करें।

केदार गौरी व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने का एक विशेष अवसर है। यह व्रत भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति लाता है। श्रद्धा और नियमपूर्वक किए जाने पर यह व्रत जीवन के सभी कष्टों को दूर करता है और जीवन को खुशहाली से भर देता है।

इस दिव्य व्रत को मनाकर आप भी अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और भगवान शिव-गौरी की अनंत कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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