गुप्त नवरात्रि 2025: पंचमी में मां स्कंदमाता की पूजा — विधि, कथा और लाभ

गुप्त नवरात्रि 2025 के पांचवें दिन करें मां स्कंदमाता की विधिपूर्वक पूजा। जानिए पूजा विधि, पौराणिक कथा, मंत्र, लाभ और शुभ मुहूर्त इस विस्तृत लेख में।

गुप्त नवरात्रि 2025: पंचमी में मां स्कंदमाता की पूजा — विधि, कथा और लाभ

गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास के दौरान मनाया जाने वाला एक दिव्य साधना काल है। इसकी पाँचवीं तिथि, 30 जून 2025 (सोमवार) को, देवी स्कंदमाता की पूजा-अर्चना का विधान है। यह स्वरूप प्रेम, ममता और करुणा की अभिव्यक्ति है, जो गृहस्थ जीवन में पालन-पोषण और पारिवारिक सुख-शांति लाती है।

मां स्कंदमाता का स्वरूप और विशेषता

स्कंदमाता का नाम “स्कंद” (भगवान कार्तिकेय) एवं “माता” (माँ) से मिला है—इसलिए इन्हें पुत्र के रूप में भगवान कार्तिकेय की माता के रूप में जाना जाता है। देवी को सिंह पर विराजित, अपने कोख में कार्तिकेय को धारण किए हुए दिखाया जाता है। इस स्वरूप में वे स्त्रीत्व, संतति़ सुख तथा मातृत्व की संपूर्ण ऊर्जा का प्रतिक हैं।

पूजा विधि

  1. ब्राह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, स्वच्छ श्वेत या हल्के पीले वस्त्र धारण करें।

  2. पूजा स्थल को Gangajal से शुद्ध करें, उसकी चौकी पर स्वच्छ कपड़ा बिछाकर देवी की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें।

  3. देवी को कुमकुम, अक्षत, गुलाब या कमल के पुष्प, रंग-बिरंगे फूलों की माला, फल, नारियल अर्पित करें।

  4. भोग के रूप में खीर, फलों का थाल, साथ में मिश्री और सुपारी रखें।

  5. मंत्र जाप करें:

    • ॐ स्कंदमातायै नमः — 108 बार

    • जोड़ें: या देवी सर्वभूतेषु... (देवी सूक्त)

  6. दुर्गा सप्तशती या चालीसा का पाठ करें।

  7. अंत में दीपक जलाकर आरती करें, और किसी भी भूल-चूक हेतु क्षमा मांगें।

पौराणिक कथा

जब देवी गौरी ने अपने संतान बन, भगवान कार्तिकेय को युद्ध एवं नेतृत्व की शिक्षा देने हेतु स्कंदमाता रूप ग्रहण किया। उन्होंने उन्हें तारकासुर वध हेतु मार्गदर्शित किया। इस रूप में देवी न केवल एक मां, बल्कि गुरु भी साबित हुईं—वे हमें प्रेम, दृढ़ता और सीख देने का उदाहरण देती हैं।

महत्वपूर्ण लाभ

  • संतान सुख की प्राप्ति—निसंतान दंपति प्रार्थनाएं पूर्ण होती हैं

  • परिवार में करुणा, प्रेम व संतुलन का वातावरण बनता है

  • माता के स्नेह से मन में शांति, धैर्य, और मातृत्व गुण जागते हैं

  • सफलता, सम्मान और आत्मिक बल की प्राप्ति होती है

  • दूषित ऊर्जा, भय व मानसिक क्लेश दूर होते हैं

शुभ मुहूर्त

  • तिथि: 30 जून 2025 (सोमवार)

  • पंचमी तिथि पूरे दिन उपस्थिति

  • अभिजीत मुहूर्त: (स्थानीय पंचांग अनुसार देखें)

गुप्त नवरात्रि का पाँचवां दिन—मां स्कंदमाता की पूजा—गृहस्थ जीवन के सभी पहलू में मातृ–स्नेह, पालन-पोषण, संतति सुख और मानसिक अद्भुत शांति लेकर आता है। श्रद्धा, नियम, और शुद्ध हृदय से की गई पूजा, परिवार और आत्मा दोनों को समृद्ध करती है।

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