मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर – ऋषि मार्कण्डेय और शिव की अमर कथा
उज्जैन स्थित मर्कंडेश्वर महादेव मंदिर 84 महादेवों में प्रमुख है, जो ऋषि मर्कंडेय की तपोभूमि और शिवभक्ति का दिव्य केंद्र माना जाता है।

भारत की पवित्र भूमि पर अनेकों शिव मंदिर स्थित हैं, जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि पौराणिक कथाओं से भी जुड़े हुए हैं। ऐसा ही एक दिव्य स्थान है मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर, जो भगवान शिव और उनके परम भक्त ऋषि मार्कण्डेय की अमर कथा से जुड़ा है।
पौराणिक मान्यता और कथा
मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर का संबंध महर्षि मार्कण्डेय से है। कहा जाता है कि मार्कण्डेय बचपन से ही अत्यंत बुद्धिमान, तपस्वी और शिवभक्त थे। उन्हें एक ही दोष था — उनकी आयु केवल 16 वर्ष ही थी। जब यमराज उन्हें लेने आए, तब मार्कण्डेय जी भगवान शिव का ध्यान कर रहे थे और शिवलिंग से लिपट गए।
यमराज ने जब उन्हें पकड़ने का प्रयास किया, तो उन्होंने अपना फंदा फेंका, जो शिवलिंग पर पड़ गया। इससे भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने यमराज को रोका। शिवजी ने न केवल यमराज को पराजित किया बल्कि मार्कण्डेय को दीर्घायु और अमरत्व का वरदान भी दिया। यह घटना जहां घटी, वहीं पर मार्कण्डेश्वर महादेव के रूप में शिवलिंग की स्थापना हुई।
मंदिर का स्थान
मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर भारत के कई स्थानों पर स्थित है, लेकिन प्रमुख मंदिर हरियाणा (कुरुक्षेत्र), महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, और हिमाचल प्रदेश में पाए जाते हैं। ये मंदिर पौराणिक मान्यताओं और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण हैं।
मंदिर की विशेषताएं
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यह मंदिर शिवभक्तों के लिए अत्यंत पूजनीय स्थान है।
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शिवलिंग प्राचीन, चमत्कारी और अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है।
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मंदिर परिसर शांत, स्वच्छ और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है।
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यहां श्रावण मास, महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत और सोमवती अमावस्या के दिन विशेष भीड़ होती है।
पूजा विधि और धार्मिक महत्व
यहाँ प्रतिदिन जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, बेलपत्र अर्पण और रुद्राभिषेक की परंपरा है। भक्त शिवलिंग को स्पर्श कर आशीर्वाद लेते हैं और अपने जीवन की समस्त बाधाओं को समाप्त करने की प्रार्थना करते हैं।
मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से की गई पूजा से मृत्यु का भय दूर होता है, और व्यक्ति को दीर्घायु, स्वास्थ्य और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आध्यात्मिक अनुभव
मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यह भक्ति, समर्पण और शिवकृपा का केंद्र है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति, ऊर्जा और शिव की कृपा का अनुभव होता है।
यदि आप भगवान शिव के सच्चे भक्त हैं और पौराणिक स्थानों की यात्रा करना चाहते हैं, तो मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर अवश्य जाएं। यह स्थान न केवल आपकी श्रद्धा को दृढ़ करेगा बल्कि आपको आध्यात्मिक बल और शिवजी की कृपा से भर देगा।
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