सौभाग्येश्वर महादेव उज्जैन – 61वाँ शिवालय

उज्जैन के पाटनी बाजार स्थित सौभाग्येश्वर महादेव 84 महादेवों में 61वाँ शिवालय है। यहाँ दर्शन से सौभाग्य और ग्रहदोष निवारण होता है।

सौभाग्येश्वर महादेव उज्जैन – 61वाँ शिवालय

उज्जैन को महाकाल की नगरी और 84 महादेवों की भूमि कहा जाता है। इन्हीं में से एक है सौभाग्येश्वर महादेव, जो पाटनी बाजार क्षेत्र में स्थित है। यह शिवालय उज्जैन के 84 शिवालयों में 61वाँ स्थान रखता है और अपनी अनोखी मान्यता के कारण विशेष प्रसिद्ध है।

पौराणिक कथा

कहा जाता है कि उज्जैन के राजा अश्वाहन की पत्नी रानी मदनमंजरी के जीवन में दुर्भाग्य था। पति के स्पर्श मात्र से राजा मुरझा जाते थे। इससे दुखी होकर रानी ने एक तपस्वी से मार्गदर्शन मांगा। तपस्वी ने उन्हें महाकाल वन में स्थित इस शिवलिंग की पूजा करने का उपदेश दिया। रानी ने श्रद्धा से पूजा की और उनके दुर्भाग्य का अंत हुआ। तभी से इस शिवलिंग का नाम पड़ा – सौभाग्येश्वर महादेव

विशेष मान्यता

  • इस मंदिर के दर्शन और पूजा से जीवन में सौभाग्य आता है।

  • माना जाता है कि यहाँ पूजा करने से ग्रहदोष दूर होते हैं और वैवाहिक जीवन सुखी बनता है।

  • विशेषकर महिलाएं यहाँ अच्छे वर की कामना और पति की लंबी आयु के लिए पूजा करती हैं।

हरतालिका तीज का महत्व

सौभाग्येश्वर महादेव मंदिर पर हरतालिका तीज के दिन भारी भीड़ उमड़ती है।

  • महिलाएं पूरी रात जागरण कर भजन-कीर्तन करती हैं।

  • पारंपरिक रूप से इस दिन मंदिर के पट गुरुवार मध्यरात्रि से ही खुल जाते हैं और 24 घंटे पूजा का सिलसिला चलता है।

  • ऐसा माना जाता है कि इस दिन यहाँ की गई पूजा से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।

स्थापत्य एवं वातावरण

मंदिर में स्थित शिवलिंग बलुआ पत्थर (रेतीले पत्थर) से निर्मित है, जो इसे अन्य शिवालयों से अलग बनाता है। मंदिर का शांत वातावरण, आसपास का बाज़ार और श्रद्धालुओं की भीड़ इसे एक जीवंत धार्मिक स्थल बनाते हैं।

सौभाग्येश्वर महादेव केवल एक मंदिर नहीं है, बल्कि यह आस्था, विश्वास और सौभाग्य का प्रतीक है। उज्जैन आने वाले हर यात्री को महाकाल के दर्शन के साथ-साथ इस मंदिर में भी अवश्य जाना चाहिए।

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