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कार्तिक पूर्णिमा विशेष
कमल हर को, बेलपत्र हरि को अर्पण

पवित्र कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भक्तगण दोनों दिव्य शक्तियों — हर (महादेव) और हरि (विष्णु) — की संयुक्त आराधना करते हैं। यह विशेष चढ़ावा — कमल हर को, बेलपत्र हरि को — हर-हरि मिलन का प्रतीक है, जहाँ सृष्टि, संरक्षण और संहार की शक्तियाँ एक होकर ब्रह्म का रूप लेती हैं।

भगवान शिव मंदिर, उज्जैन (म.प्र.)

12, नवंबर , बुधवार

5.0/5 (1K+ ratings)

अब तक10000 + भक्तों ने mahakal.com द्वारा संचालित चढ़ावा सेवा में भाग ले चुके है।

🌸 कमल हर को, बेलपत्र हरि को

पवित्र कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भक्तगण दोनों दिव्य शक्तियों — हर (महादेव) और हरि (विष्णु) — की संयुक्त आराधना करते हैं।
यह विशेष चढ़ावा — कमल हर को, बेलपत्र हरि कोहर-हरि मिलन का प्रतीक है, जहाँ सृष्टि, संरक्षण और संहार की शक्तियाँ एक होकर ब्रह्म का रूप लेती हैं

🌸 कमल हर को

भक्त ताजे कमल के फूल अर्पित करते हैं, जो प्रेम, निर्मलता और आत्मसमर्पण का प्रतीक हैं।
प्रत्येक कमल जब हर को अर्पित किया जाता है और “ॐ नमः शिवाय” या महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है, तब वह अहंकार, इच्छाओं और नकारात्मकता के त्याग का प्रतीक बन जाता है।
कमल की भाँति, जो कीचड़ में रहकर भी निर्मल रहता है — वही सच्चे भक्त का जीवन आदर्श बनता है।

कमल अर्पण के आध्यात्मिक फल

  • मन, वचन और कर्म की पवित्रता

  • नकारात्मक ऊर्जा और दोषों का शमन

  • आत्मचेतना और भक्ति का जागरण

  • शांति, समृद्धि और हरकृपा की प्राप्ति

🍃 बेलपत्र हरि को

बेलपत्र की तीन पत्तियाँ सत्त्व, रज और तम — इन तीनों गुणों का प्रतीक हैं जिन्हें भगवान हरि संतुलित करते हैं।
जब भक्त प्रेम और श्रद्धा से बेलपत्र हरि को अर्पित करता है, तब यह अर्पण संतुलन, समर्पण और दिव्य संरक्षण का प्रतीक बन जाता है।
यह पूजा हरि-हर की एकता का संदेश देती है — कि शिव और विष्णु दोनों एक ही परम सत्य के दो स्वरूप हैं।

बेलपत्र अर्पण के आध्यात्मिक फल

  • जीवन में संतुलन, स्थिरता और सौहार्द

  • पाप, दोष और विघ्नों का नाश

  • भक्ति और ज्ञान की वृद्धि

  • स्वास्थ्य, शांति और हरिकृपा की प्राप्ति

🕉️ निष्कर्ष

कार्तिक पूर्णिमा विशेष चढ़ावा — “कमल हर को, बेलपत्र हरि को” केवल एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मा का परमात्मा में समर्पण है।
यह हर-हरि मिलन का प्रतीक है — जहाँ हर की शक्ति और हरि की करुणा मिलकर भक्त के जीवन में शांति, प्रकाश और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती हैं।

उ: चढावा सेवा उपयोगकर्ताओं को हमारे मंच पर सूचीबद्ध मंदिरों में देवताओं को उनके चुने हुए प्रसाद (जैसे फूल, प्रसाद, मिठाई आदि) चढ़ाने की अनुमति देती है। हमारे समर्पित पंडित आपकी ओर से तर्पण करेंगे, और प्रक्रिया का एक वीडियो आपके साथ साझा किया जाएगा।
उत्तर: बस हमारी सूची से अपना पसंदीदा मंदिर चुनें, जो चढ़ावा आप चढ़ाना चाहते हैं उसे चुनें, अपना विवरण प्रदान करें और भुगतान करें। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आपकी पेशकश की गई है और आपको एक पुष्टिकरण वीडियो भेजेंगे।
उत्तर: हमने देश भर के कई प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी की है, जिनमें उज्जैन, वाराणसी, हरिद्वार और अन्य मंदिर शामिल हैं। मंदिरों की पूरी सूची हमारी वेबसाइट और ऐप पर उपलब्ध है।
उ: प्रसाद में फूल, मिठाई, प्रसाद, दीया, नारियल, मालाएं और बहुत कुछ शामिल हैं। उपलब्ध प्रसाद मंदिर की परंपराओं और हमारी भागीदारी के आधार पर भिन्न होता है।
उत्तर: एक बार जब आपका चढ़ावा हमारे पंडित द्वारा किया जाएगा, तो हम पेशकश का एक वीडियो व्हाट्सएप, ईमेल और आपके पंजीकृत खाते के माध्यम से हमारे मंच पर साझा करेंगे।
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