आदि मुद्रा
 
                                                                                                    यह मुद्रा फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाती है साथ ही यह आपके महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावी ढंग से कार्य करने में मदद करती है
- सर्वप्रथम वज्रासन / पद्मासन या सुखासन में बैठ जाइए।
- अब अंगूठे को अंदर की और रखते हुए बाकी चारों उंगलियों को अंदर की और मुट्ठी बाँधने की स्थिति में मोड़ लीजिए सभी उंगलियों के अग्र भाग को हथेली से स्पर्श करते हुए । हाथों को घुटनो / जांघों पर रखेंगे ।
- आँखे बंद रखते हुए श्वांस सामान्य बनाएँगे।
- अपने मन को अपनी श्वांस गति पर व मुद्रा पर केंद्रित रखिए।
- फेफड़ो के लिए अति उत्तम अभ्यास।
- शरीर में आक्सीजन का स्तर ठीक रखता है।
- नर्वस सिस्टम के लिए लाभकारी।
- गले और सिर के भाग में खून का संचार अधिक कर इससे संबंधित रोगों में लाभप्रद।
- यह मुद्रा खाली पेट करनी चाहिए।
- इस मुद्रा को करते समय अपका ध्यान भटकना नहीं चाहिए।
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