पट्टेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन – प्राचीन शिवलिंग और धार्मिक महत्त्व

पट्टेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन का प्राचीन शिवलिंग स्थल, जहाँ भक्तों को मिलती है आध्यात्मिक शांति और मोक्ष का मार्ग।

पट्टेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन – प्राचीन शिवलिंग और धार्मिक महत्त्व

उज्जैन, जिसे ‘महाकाल की नगरी’ कहा जाता है, अपने अति प्राचीन शिव मंदिरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहां भगवान शिव के 84 रूपों की पूजा की जाती है। इन 84 महादेवों में से एक प्रमुख और पूजनीय मंदिर है – पट्टेश्वर महादेव मंदिर। यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत समृद्ध है।

मंदिर का इतिहास और नामकरण

पट्टेश्वर’ नाम दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘पट्ट’ जिसका अर्थ है ‘सिंहासन’ और ‘ईश्वर’ यानी भगवान। यह नाम इस मान्यता पर आधारित है कि इस स्थान पर भगवान शिव ने स्वयं विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए थे। यह मंदिर हजारों वर्षों पुराना माना जाता है और इसकी गिनती उज्जैन के प्राचीनतम शिव मंदिरों में की जाती है।

आस्था और मान्यताएं

स्थानीय श्रद्धालु मानते हैं कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां आकर जलाभिषेक करता है, उसकी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। खासकर श्रावण मास में, यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक के लिए पहुँचते हैं। शिवरात्रि, प्रदोष व्रत और सोमवती अमावस्या जैसे अवसरों पर मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं।

शिवलिंग की विशेषता

पट्टेश्वर महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग को स्वयंभू माना जाता है, यानी यह प्राकृतिक रूप से प्रकट हुआ शिवलिंग है, जिसे किसी मानव ने स्थापित नहीं किया। यह तथ्य इस मंदिर को और भी पवित्र बना देता है। शिवलिंग की आकृति और स्थिति अत्यंत प्रभावशाली है और इसके समक्ष खड़े होते ही एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है।

त्योहार और आयोजन

  • श्रावण मास: इस महीने में प्रतिदिन जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और रुद्राभिषेक किए जाते हैं। मंदिर परिसर में दिनभर भक्ति गीतों और मंत्रोच्चारण की ध्वनि गूंजती रहती है।

  • महाशिवरात्रि: इस पर्व पर मंदिर को दीपों और फूलों से भव्य रूप से सजाया जाता है। रात्रि जागरण, शिव कथा, भजन और विशेष अभिषेक का आयोजन होता है।

  • प्रदोष व्रत: प्रत्येक त्रयोदशी को प्रदोष व्रत के अवसर पर शाम के समय विशेष पूजन एवं दीपदान किया जाता है।

स्थान और पहुँच

यह मंदिर उज्जैन शहर के अंदरूनी क्षेत्र में स्थित है और अन्य प्रसिद्ध मंदिरों जैसे महाकालेश्वर मंदिर, हरसिद्धि मंदिर आदि से नजदीक है। यहाँ तक पहुँचने के लिए ऑटो, टैक्सी और स्थानीय साधनों का उपयोग किया जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन ‘उज्जैन जंक्शन’ है, जो मंदिर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है।

दर्शन और पूजा का समय

  • सुबह: 5:00 बजे से 12:00 बजे तक

  • शाम: 4:00 बजे से 9:00 बजे तक
    त्योहारों और विशेष अवसरों पर समय में लचीलापन रहता है और पूरी रात जागरण भी आयोजित किए जाते हैं।

महत्त्वपूर्ण बातें

  • यहां दर्शन करने से मानसिक शांति मिलती है।

  • रोगों और कष्टों से मुक्ति के लिए यह मंदिर अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।

  • जिन लोगों की कुंडली में पित्र दोष, कालसर्प योग या अन्य दोष हों, उनके लिए भी इस मंदिर में पूजा लाभकारी मानी जाती है।

पट्टेश्वर महादेव मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि श्रद्धा, शक्ति और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है। यह मंदिर उज्जैन की आत्मा में बसा हुआ है। अगर आप उज्जैन की यात्रा पर हैं या भगवान शिव के भक्त हैं, तो इस मंदिर के दर्शन अवश्य करें। यहाँ का वातावरण, पूजा विधि और आध्यात्मिक ऊर्जा आपको एक दिव्य अनुभव प्रदान करेगी।

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