उज्जैन के तीन प्राचीन शिवालय: डमरूकेश्वर, अनादिकल्पेश्वर, स्वर्णज्वालेश्वर
उज्जैन के डमरूकेश्वर, अनादिकल्पेश्वर और स्वर्णज्वालेश्वर महादेव मंदिरों की खास बातें और धार्मिक महत्व जानें।

उज्जैन को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ यहां कई ऐसे प्राचीन और रहस्यमयी शिव मंदिर भी स्थित हैं, जो अपनी विशेषताओं और धार्मिक महत्व के कारण भक्तों को आकर्षित करते हैं। आज हम आपको उज्जैन के तीन विशेष शिव मंदिरों के बारे में बताएंगे – डमरूकेश्वर महादेव, अनादिकल्पेश्वर महादेव और स्वर्णज्वालेश्वर महादेव। ये तीनों मंदिर ना सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि आध्यात्मिक साधना का केंद्र भी माने जाते हैं।
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डमरूकेश्वर महादेव मंदिर
डमरूकेश्वर महादेव का नाम सुनते ही भगवान शिव के डमरू की कल्पना मन में जाग उठती है। यह मंदिर शिवभक्तों के लिए एक विशेष आस्था का केंद्र है। यहां स्थापित शिवलिंग का आकार डमरू के समान माना जाता है। मान्यता है कि सृष्टि की रचना से पहले भगवान शिव ने डमरू की ध्वनि से इस स्थान को जाग्रत किया था और स्वयं शिवलिंग के रूप में स्थापित हो गए थे।
यहां पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में संकटों का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। सावन माह में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और विशेष पूजा-अभिषेक किया जाता है।
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अनादिकल्पेश्वर महादेव
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है – अनादिकल्पेश्वर, अर्थात् जो आदि काल से हैं और अनंत कल्पों तक विद्यमान रहेंगे। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग को स्वयंभू माना जाता है। यह स्थान ध्यान और साधना करने वाले साधकों के लिए एक उपयुक्त स्थल है।
कहा जाता है कि यहां के दर्शन मात्र से ही आत्मा को शांति और मोक्ष का मार्ग मिलता है। यह मंदिर अपनी शांत और आध्यात्मिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। धार्मिक ग्रंथों में भी इस मंदिर का उल्लेख मिलता है और इसे त्रिदेवों का संगम स्थल कहा जाता है।
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स्वर्णज्वालेश्वर महादेव
स्वर्णज्वालेश्वर महादेव का नाम सुनते ही दिव्यता और तेज का आभास होता है। मान्यता है कि इस शिवलिंग से कभी स्वर्ण ज्वालाओं के समान तेज निकलता था, इसीलिए इसे स्वर्णज्वालेश्वर कहा जाता है।
यह मंदिर विशेष रूप से धन, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्ति का केंद्र माना जाता है। व्यवसायियों और व्यापारियों के लिए यह मंदिर विशेष आस्था का स्थल है। यहां शिवलिंग का दर्शन कर श्रद्धालु अपने जीवन में समृद्धि और सुख-शांति की कामना करते हैं।
उज्जैन नगरी शिवभक्तों के लिए किसी दिव्य लोक से कम नहीं है। जहां एक ओर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का अलौकिक स्वरूप भक्तों को मोहित करता है, वहीं दूसरी ओर डमरूकेश्वर महादेव, अनादिकल्पेश्वर महादेव और स्वर्णज्वालेश्वर महादेव जैसे प्राचीन शिवालय श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यदि आप उज्जैन की यात्रा पर जा रहे हैं तो इन तीनों पावन स्थलों के दर्शन अवश्य करें और अपनी यात्रा को आध्यात्मिक रूप से पूर्ण बनाएं।
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