ज्येष्ठ माह 2025: इस दिन से शुरू होगा ज्येष्ठ माह, इन चीजों के दान से शुभ फल की होगी प्राप्ति

सनातन धर्म में सभी माह को महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी तरह ज्येष्ठ माह को विशेष महत्व दिया गया है। इस महीने में अन्न, धन, जल समेत आदि चीजों का दान जरूर करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस माह में दान करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि कब से शुरू हो रहा है ज्येष्ठ माह।
ज्येष्ठ माह का धार्मिक महत्व
हर महीने के आखिरी में पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख पूर्णिमा का पर्व 12 मई को मनाया जाएगा। इसके अगले दिन यानी 13 मई से ज्येष्ठ माह की शुरुआत होगी। सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह को महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस माह में कई व्रत और पर्व मनाए जाते हैं। इसके अलावा पूजा-अर्चना और विशेष चीजों का दान भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ माह में पूजा और दान करने से साधक को जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ माह के धार्मिक महत्व के बारे में।
इस दिन से शुरू होगा ज्येष्ठ माह 2025
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की शुरुआत 13 मई से होगी। वहीं, अगले महीने यानी 11 जून को ज्येष्ठ माह का समापन होगा।
ज्येष्ठ माह में करें इन चीजों का दान
ज्येष्ठ माह में दान करने का खास महत्व है। इस माह में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने के बाद जल, अन्न, धन और कपड़े समेत अन्य चीजों का दान गरीब लोगों में करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ माह में इन दान चीजों का दान करने से साधक को सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
ज्येष्ठ माह का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ माह में बजरंगबली की भेट राम जी से हुई थी। इसी वजह से इस माह में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है। बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी और राम जी विशेष पूजा-अर्चना जरूर करनी चाहिए।
ज्येष्ठ माह में कब-कब है बड़ा मंगल?
-
पहला बड़ा मंगल 13 मई को है।
-
दूसरा बड़ा मंगल 20 मई को है।
-
तीसरा बड़ा मंगल 27 मई को है।
-
चौथा बड़ा मंगल 2 जून को है।
-
पांचवां बड़ा मंगल 10 जून को है।
हनुमान जी की पूजा के दौरान करें इस मंत्र का जाप
-
ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम,
लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !
श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,
रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !
What's Your Reaction?






