कामदा एकादशी 2025: पापों से मुक्ति और मनोकामना पूर्ति का विशेष व्रत
कामदा एकादशी हिंदू धर्म में एक पवित्र और शुभ दिन माना जाता है। यह व्रत चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
कामदा एकादशी 2025 की तिथि और मुहूर्त
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एकादशी तिथि प्रारंभ: 7 अप्रैल 2025, रात 8:00 बजे
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एकादशी तिथि समाप्त: 8 अप्रैल 2025, रात 9:12 बजे
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पारण मुहूर्त: 9 अप्रैल 2025, सुबह 6:26 से 8:56 बजे तक
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द्वादशी समाप्त: 9 अप्रैल 2025, रात 10:55 बजे
पारण द्वादशी के भीतर करना आवश्यक होता है, तभी व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
कामदा एकादशी का महत्व
कामदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी माना गया है जो जीवन में किसी मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं। यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाकर शुभ फल प्रदान करता है। इसे करने से वैवाहिक सुख, संतान प्राप्ति और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
कामदा एकादशी पर क्या करें?
1. व्रत का संकल्प लें
सूर्योदय से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
2. भगवान विष्णु की पूजा
तुलसी पत्र, पीले फूल, चंदन, धूप, दीप और फल अर्पित करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
3. व्रत कथा पढ़ें या सुनें
कामदा एकादशी व्रत की कथा सुनना अति पुण्यदायक होता है। यह कथा गंधर्व ललित और उसकी पत्नी की है, जिन्हें इस व्रत के प्रभाव से शापमुक्ति मिली।
4. दान और सेवा
गरीबों, ब्राह्मणों और गौ माता को भोजन, वस्त्र और दक्षिणा का दान करें। इससे विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
5. सात्विक आहार और संयमित जीवन
व्रत के दिन सात्विक आहार लें (अगर उपवास में फलाहार करते हैं)। झूठ, क्रोध, कटु भाषण और हिंसा से दूर रहें।
शुभ योग और संयोग
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रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग इस दिन बन रहे हैं, जो पूजा और व्रत को अत्यंत प्रभावशाली बनाते हैं।
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नक्षत्र: अश्लेषा और मघा नक्षत्र का संयोग इसे और भी अधिक शुभ बनाता है।
कामदा एकादशी 2025 का व्रत न केवल पापों से मुक्ति दिलाता है बल्कि जीवन में शुभता, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। श्रद्धा और भक्ति से किया गया यह व्रत निश्चित रूप से जीवन में सुखद बदलाव लाता है।
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