विश्वेश्वर महादेव – 53वां 84 महादेव मंदिर, काशी ज्योतिर्लिंग
विश्वेश्वर महादेव, काशी में स्थित 84 महादेव यात्रा का 53वां मंदिर और पवित्र ज्योतिर्लिंग है। इसके इतिहास, महत्व और यात्रा गाइड को पढ़ें।

विश्वेश्वर महादेव, जिन्हें काशी विश्वनाथ के नाम से भी जाना जाता है, शिवभक्तों के लिए अत्यंत पवित्र स्थल है। यह न केवल बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, बल्कि 84 महादेव यात्रा का 53वां मंदिर भी है। "विश्वेश्वर" का अर्थ है संपूर्ण ब्रह्मांड के स्वामी, और मान्यता है कि महादेव स्वयं काशी में निवास करते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
84 महादेव यात्रा में महत्व
84 महादेव यात्रा एक प्राचीन धार्मिक परंपरा है, जिसमें भक्त 84 पवित्र शिव मंदिरों के दर्शन करते हैं। यह यात्रा मोक्ष और पुण्य की प्राप्ति के लिए की जाती है। इस यात्रा में 53वें मंदिर के रूप में विश्वेश्वर महादेव का दर्शन विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि यहाँ ज्योतिर्लिंग का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पौराणिक महत्व
शिव पुराण के अनुसार, काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर स्थित है और प्रलय के समय भी नष्ट नहीं होती। यहाँ स्थित विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग को मोक्ष का द्वार कहा जाता है। मान्यता है कि यहाँ दर्शन और गंगा स्नान से जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।
मंदिर की विशेषताएँ
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स्वर्ण शिखर – मंदिर का शिखर सोने से मढ़ा हुआ है।
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गर्भगृह का शिवलिंग – भव्य और दिव्य ऊर्जा से युक्त।
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अन्य मंदिर – अन्नपूर्णा देवी, कालभैरव और गणेश मंदिर भी परिसर में हैं।
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दैनिक आरतियाँ – मंगला आरती, भोग आरती और शयन आरती।
कैसे पहुँचें
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स्थान – वाराणसी, उत्तर प्रदेश
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रेलवे स्टेशन – वाराणसी जंक्शन (लगभग 5 किमी)
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हवाई अड्डा – लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट (लगभग 25 किमी)
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समय – सुबह 4:00 बजे से रात 11:00 बजे तक दर्शन
यात्रा का श्रेष्ठ समय
अक्टूबर से मार्च तक का समय सबसे अच्छा है, जब मौसम सुहावना होता है और गंगा घाट का वातावरण भक्ति से परिपूर्ण रहता है।
84 महादेव यात्रा में 53वें मंदिर के रूप में विश्वेश्वर महादेव का दर्शन आध्यात्मिक ऊर्जा, आस्था और मोक्ष का अद्भुत संगम है। गंगा की पावन धारा और मंदिर की घंटियों की गूंज यहाँ आने वाले हर भक्त को दिव्यता का अनुभव कराती है।
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