अक्रूरेश्वर महादेव मंदिर, उज्जैन – आस्था और चमत्कारों का संगम
अक्रूरश्वर महादेव मंदिर उज्जैन के 84 महादेवों में एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जो आस्था और आध्यात्म का केंद्र है। यहां दर्शन से पितृ दोष शांति और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है।

उज्जैन, जो स्वयं भगवान महाकाल की नगरी के रूप में प्रसिद्ध है, अपने गर्भ में अनेक प्राचीन और चमत्कारिक मंदिरों को समेटे हुए है। इन्हीं में से एक है – अक्रूरेश्वर महादेव मंदिर। यह मंदिर भगवान शिव के 84 महादेव स्वरूपों में से एक है और श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पूजनीय स्थान माना जाता है।
मंदिर का धार्मिक महत्व:
यह मंदिर अक्रूर ऋषि द्वारा स्थापित किया गया था, जिनके नाम पर इसका नाम ‘अक्रूरेश्वर’ पड़ा। मान्यता है कि अक्रूर ऋषि ने यहां घोर तपस्या कर शिवलिंग की स्थापना की थी। कहा जाता है कि भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिए थे। यह स्थान विशेष रूप से मनोकामना पूर्ति और मानसिक शांति के लिए प्रसिद्ध है।
पूजा-पाठ और आयोजन:
श्रावण मास, महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत, और त्रयोदशी के दिन यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भक्त जन बेलपत्र, जल, दूध और भस्म अर्पित कर भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं।
कैसे पहुंचे:
अक्रूरेश्वर महादेव मंदिर, उज्जैन शहर में स्थित है और रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से आसानी से पहुँचा जा सकता है। स्थानीय ऑटो या टैक्सी द्वारा मंदिर तक पहुँचना सरल है।
महत्वपूर्ण सुझाव:
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सुबह और शाम के समय दर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं।
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मंदिर में शांति बनाए रखें और मोबाइल का उपयोग न करें।
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पूजा के लिए आवश्यक सामग्री मंदिर के बाहर उपलब्ध होती है।
यदि आप उज्जैन की धार्मिक यात्रा पर हैं, तो अक्रूरेश्वर महादेव मंदिर को अवश्य शामिल करें। यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है, बल्कि आत्मिक संतोष और आशीर्वाद का केंद्र भी है।
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