ओंकारेश्वर महादेव – बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक पवित्र तीर्थ
ओंकारेश्वर महादेव, मध्यप्रदेश के खंडवा में स्थित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक पवित्र तीर्थ है, जो नर्मदा नदी के ‘ॐ’ आकार के द्वीप पर बसा है।

ओंकारेश्वर महादेव मध्यप्रदेश के खंडवा ज़िले में नर्मदा नदी के पवित्र तट पर स्थित है। यह स्थान बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और भगवान शिव के ओंकारेश्वर स्वरूप का दिव्य निवास माना जाता है। इसकी विशेषता यह है कि यहाँ नर्मदा नदी दो धाराओं में विभाजित होकर एक द्वीप का निर्माण करती है, जिसका आकार ऊपर से देखने पर ‘ॐ’ जैसा प्रतीत होता है। यही कारण है कि इस स्थल का नाम ओंकारेश्वर पड़ा और यह शिवभक्तों के लिए अत्यंत पवित्र तीर्थ बन गया।
पौराणिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक समय तीन राक्षस – विद्युन्माली, तारक और विर्यवान – ने देवताओं को पराजित कर त्रिलोक पर अधिकार कर लिया था। देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की, जिसके बाद शिवजी ने अपने अद्भुत तेज से इन असुरों का संहार किया और यहीं पर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए। शिवपुराण और स्कंदपुराण में भी ओंकारेश्वर का उल्लेख मिलता है। मान्यता है कि यहां जलाभिषेक और ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करने से जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है।
मंदिर का स्वरूप और विशेषताएँ
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग संगमरमर से बना हुआ है, और इसका प्राकृतिक आकार ‘ॐ’ के पवित्र प्रतीक से मेल खाता है। मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग का प्रतिदिन विशेष पूजन, जलाभिषेक और श्रृंगार किया जाता है। यहाँ की सुबह और शाम की आरती का माहौल भक्तों के हृदय को आध्यात्मिक आनंद से भर देता है।
ओंकारेश्वर यात्रा मार्गदर्शन
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स्थान – खंडवा ज़िला, मध्यप्रदेश
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निकटतम रेलवे स्टेशन – ओंकारेश्वर रोड (लगभग 12 किमी)
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निकटतम हवाई अड्डा – इंदौर (लगभग 77 किमी)
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सड़क मार्ग – इंदौर, खंडवा और उज्जैन से बस व टैक्सी आसानी से उपलब्ध
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दर्शन समय – प्रातः 5:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक
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मुख्य उत्सव – महाशिवरात्रि, श्रावण मास, सोमवारी, कार्तिक मास
प्रमुख धार्मिक गतिविधियाँ
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नर्मदा नदी में स्नान और तट पर पूजा-अर्चना
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ओंकारेश्वर महादेव का जलाभिषेक
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लगभग 7 किमी की नर्मदा परिक्रमा
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सिद्धनाथ मंदिर और अन्य प्राचीन मंदिरों के दर्शन
यात्रा का सर्वोत्तम समय
अक्टूबर से मार्च तक का समय ओंकारेश्वर यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और परिक्रमा या दर्शनों में कोई कठिनाई नहीं होती।
ओंकारेश्वर महादेव केवल एक ज्योतिर्लिंग ही नहीं, बल्कि भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत केंद्र है। यहाँ आकर भक्तों को न केवल भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि नर्मदा नदी की पावनता और दिव्यता का अनुभव भी होता है। यह स्थान हर शिवभक्त के जीवन में एक बार अवश्य दर्शन करने योग्य है।
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