शूलश्वर महादेव उज्जैन – 84 महादेव यात्रा का 51वां पवित्र मंदिर
शूलश्वर महादेव मंदिर, उज्जैन के 84 महादेवों में 51वां पवित्र स्थल है। जानें इसकी पौराणिक कथा, धार्मिक महत्व, दर्शन समय और यात्रा मार्ग की पूरी जानकारी यहाँ।

मध्यप्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक हृदय उज्जैन को “महाकाल की नगरी” के नाम से जाना जाता है। यहाँ स्थित 84 महादेव मंदिरों की श्रृंखला का अपना विशेष महत्व है। इन मंदिरों की यात्रा को आध्यात्मिक शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। इन्हीं में से एक है शूलश्वर महादेव, जो इस श्रृंखला में 51वें स्थान पर स्थित है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी पौराणिक कथा भी श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणास्रोत है।
पौराणिक कथा
कथाओं के अनुसार, दैत्यराज अंधकासुर ने अपनी शक्ति के बल पर देवताओं को पराजित कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था। उसने भगवान शिव को भी चुनौती देते हुए कैलाश छोड़ने और माता पार्वती को अपने पास भेजने की बात कही। यह सुनकर भगवान शिव क्रोधित हो उठे और उन्होंने अंधकासुर को युद्ध के लिए ललकारा।
युद्ध के दौरान शिवजी ने अपने त्रिशूल से अंधकासुर को गहरी चोट पहुँचाई। घायल होकर वह पाताल में गिरा और उसके रक्त से अनेक दैत्य उत्पन्न हो गए। उन दैत्यों का संहार देवी दुर्गा ने किया। अंत में अंधकासुर ने अपनी गलती स्वीकार की और भगवान शिव की आराधना करने लगा।
भगवान शिव ने उसे क्षमा करते हुए आदेश दिया कि वह महाकाल वन में स्थित एक विशेष शिवलिंग की पूजा करे। चूँकि अंधकासुर का अंत शिव के त्रिशूल (शूल) से हुआ था, इसलिए इस शिवलिंग का नाम “शूलश्वर महादेव” पड़ा।
धार्मिक महत्व
मान्यता है कि जो भी भक्त शूलश्वर महादेव के दर्शन और विधिपूर्वक पूजन करता है, वह सभी प्रकार के भय और दुखों से मुक्त हो जाता है। साथ ही, जीवन के अंत में उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह स्थल शिवभक्तों के लिए आस्था और विश्वास का अटूट केंद्र है।
84 महादेव श्रृंखला में स्थान
उज्जैन के 84 महादेव मंदिरों का दर्शन एक धार्मिक परिक्रमा के रूप में किया जाता है। यह परिक्रमा एक निश्चित क्रम में पूरी की जाती है और माना जाता है कि यह यात्रा स्वयं भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का माध्यम है। इस क्रम में शूलश्वर महादेव का स्थान 51वां है।
मंदिर का स्थान
शूलश्वर महादेव मंदिर धाबा रोड, खटीकवाड़ा (Khatikwada) क्षेत्र में स्थित है। यह महाकाल वन क्षेत्र के निकट आता है, जहाँ अन्य कई प्रमुख महादेव मंदिर भी स्थित हैं। यहाँ आने के लिए उज्जैन शहर से स्थानीय वाहन या पैदल यात्रा की जा सकती है।
त्योहार और आयोजन
मंदिर में सालभर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन विशेष अवसरों पर यहाँ विशेष भीड़ होती है –
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महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक, भजन-कीर्तन और रात्रि जागरण।
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श्रावण मास में प्रतिदिन जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पण।
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सोमवार के दिन विशेष पूजन और दर्शन का महत्व।
भक्तों का अनुभव
भक्त यहाँ के वातावरण को अत्यंत पवित्र और शांति प्रदान करने वाला बताते हैं। मंदिर का छोटा किन्तु आध्यात्मिक रूप से प्रबल वातावरण श्रद्धालुओं को ध्यान और भक्ति में लीन कर देता है।
शूलश्वर महादेव केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि यह शिवभक्तों के लिए मोक्ष और भयमुक्ति का प्रतीक है। 84 महादेव यात्रा में इसका 51वां स्थान इसे विशेष महत्त्व प्रदान करता है। उज्जैन आने पर इस पवित्र स्थल का दर्शन अवश्य करना चाहिए और भगवान शिव की अनंत कृपा का अनुभव लेना चाहिए।
शूलश्वर महादेव, उज्जैन के 84 महादेवों में 51वां पवित्र स्थल है, जहाँ दर्शन से भय और दुखों का नाश होता है।
महाकाल की नगरी और 84 महादेव यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी, दर्शन समय और पौराणिक कथाएँ पढ़ें mahakal.com पर और अपनी अगली उज्जैन यात्रा की योजना आज ही बनाएं।
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