कुकुटेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन – पौराणिक कथा और महत्व
उज्जैन में स्थित कुकुटेश्वर महादेव मंदिर एक प्राचीन और पौराणिक शिव मंदिर है, जहाँ भगवान शिव ने कुकुट रूप में भक्त की रक्षा की थी। जानिए इसका महत्व।

उज्जैन नगरी, जहाँ हर गली में भक्ति की गूंज और हर कोने में पौराणिकता की छाप मिलती है, वहीं स्थित है एक रहस्यमय और दिव्य स्थल — कुकुटेश्वर महादेव। यह मंदिर न केवल शिवभक्तों के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि इसका पौराणिक महत्व और शांत वातावरण इसे और भी विशेष बना देता है।
मंदिर का स्थान
कुकुटेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन जिले में स्थित है और यह एक प्राचीन शिवलिंग को समर्पित है। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और श्रद्धालुओं को शांति एवं आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कराता है।
पौराणिक मान्यता
पौराणिक कथा के अनुसार, यहाँ भगवान शिव ने कुकुट रूप (मुर्गे के रूप) में प्रकट होकर अपने भक्त की रक्षा की थी। इसी कारण उनका यह रूप कुकुटेश्वर कहलाया। यह मंदिर इस बात का प्रतीक है कि भगवान शिव अपने भक्तों की हर परिस्थिति में रक्षा करते हैं।
विशेष महत्व
शिवरात्रि, सावन सोमवार, और महाशिवरात्रि के दिन यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
यहाँ जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पण करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति मानी जाती है।
यह मंदिर उन लोगों के लिए भी आदर्श स्थल है जो शांति, ध्यान, और आध्यात्मिक ऊर्जा की तलाश में हैं।
कैसे पहुँचे?
कुकुटेश्वर महादेव मंदिर तक पहुँचने के लिए आप उज्जैन रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से लोकल टैक्सी, ऑटो या अपना निजी वाहन ले सकते हैं। यह स्थान आसानी से गूगल मैप्स पर उपलब्ध है।
समापन विचार
कुकुटेश्वर महादेव न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि ईश्वर हमारे हर रूप में साथ हैं — चाहे संकट हो या साधना। यदि आप कभी उज्जैन आएँ, तो इस मंदिर के दर्शन ज़रूर करें और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करें।
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