देव दिवाली और कार्तिक पूर्णिमा पर कितने दीपक जलाएं

देव दिवाली और कार्तिक पूर्णिमा पर कितने दीपक जलाएं

हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है। यह दिन सनातन धर्म में विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन दीपक जलाने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने और दीप दान का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कि देव दिवाली या कार्तिक पूर्णिमा पर कब, कहां और कितने दीपक जलाने से शुभ परिणाम मिलते हैं।

देव दिवाली पर कितने दीपक जलाना चाहिए?

देव दिवाली और कार्तिक पूर्णिमा पर दीपक जलाने की संख्या का विशेष महत्व है। इस पावन दिन पर निम्नलिखित संख्या में दीपक जलाना शुभ माना जाता है:

  • 11 दीपक: जीवन में शुभता और समृद्धि के लिए।
  • 21 दीपक: सभी प्रकार की बाधाओं और संकटों से मुक्ति के लिए।
  • 51 दीपक: धार्मिक पुण्य प्राप्ति और पापों से छुटकारे के लिए।
  • 108 दीपक: संपूर्ण दोषों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति के लिए।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर जितने अधिक दीपक जलाए जाते हैं, उतनी ही ज्यादा सकारात्मकता और पुण्य का संचय होता है। व्यक्ति चाहें तो इससे अधिक भी दीपक जलाकर पूजा कर सकते हैं।

दीपक जलाने का समय – शुभ मुहूर्त

देव दिवाली और कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपक जलाने का सबसे शुभ समय प्रदोष काल माना गया है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर प्रदोष काल का समय शाम 05:10 से 07:47 बजे तक रहेगा। इस अवधि में दीपक जलाना विशेष लाभकारी माना जाता है।

कहां-कहां जलाएं दीपक?

देव दिवाली और कार्तिक पूर्णिमा पर विभिन्न स्थानों पर दीपक जलाना शुभ फलदायी होता है। इनमें से कुछ मुख्य स्थान निम्नलिखित हैं:

  1. मुख्य द्वार: घर के प्रवेश द्वार पर दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
  2. तुलसी का पौधा: तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
  3. भगवान विष्णु का मंदिर: भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उनके मंदिर में दीपक जलाएं।
  4. नदी किनारे: नदी के किनारे दीपक जलाने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव और उन्नति के अवसर प्राप्त होते हैं।

देव दिवाली के दिन दीप दान का महत्व

धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। पद्मपुराण में भी इस दिन के महत्व का उल्लेख है, जिसमें कहा गया है कि दीपक जलाने से भगवान शिव और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दीप दान करने से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान होता है और व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

निष्कर्ष

देव दिवाली या कार्तिक पूर्णिमा का पर्व दीपक जलाकर, पूजा-अर्चना और दीप दान करके मनाया जाना चाहिए। इस दिन हर घर, मंदिर और नदी किनारे पर दीपों से रोशनी करके अपनी श्रद्धा और आस्था का प्रदर्शन किया जाता है। विशेष संख्या में दीप जलाने से सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का वास होता है।

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