फुलेरा दूज: शुभता और मंगल कार्यों का विशेष पर्व
फुलेरा दूज फाल्गुन शुक्ल द्वितीया का शुभ पर्व है, जो श्रीकृष्ण-राधा के प्रेम व रंगोत्सव से जुड़ा है। इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है, जब विवाह व मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।

फुलेरा दूज हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के प्रेम और रंगों के उत्सव से जोड़ा जाता है। इसे होली का आरंभिक पर्व भी माना जाता है, जब मथुरा और वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का भव्य आयोजन किया जाता है।
फुलेरा दूज का धार्मिक महत्व
यह दिन शुद्ध और अत्यंत शुभ माना जाता है। ज्योतिष और धर्मशास्त्रों के अनुसार, फुलेरा दूज के दिन कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार आरंभ या अन्य मांगलिक कार्य बिना किसी मुहूर्त के किए जा सकते हैं। इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि इस दिन विशेष मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती।
श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम का प्रतीक
माना जाता है कि फुलेरा दूज के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी और गोपियों के साथ रंग खेलने की शुरुआत की थी। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, राधा-कृष्ण की झांकी सजाई जाती है और गुलाल-अभिषेक किया जाता है।
कैसे मनाएं फुलेरा दूज?
- मंदिर दर्शन करें: इस दिन श्रीकृष्ण मंदिरों में विशेष पूजा होती है, भक्तों को दर्शन करने अवश्य जाना चाहिए।
- श्रीकृष्ण और राधा की पूजा करें: घर में श्रीकृष्ण-राधा की प्रतिमा पर गुलाल चढ़ाकर पूजा करें।
- कृष्ण भजन एवं कीर्तन: इस दिन भजन-कीर्तन का आयोजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- दान और सेवा: जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करें।
फुलेरा दूज और विवाह का संयोग
चूंकि इस दिन कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है, इसलिए कई स्थानों पर इस दिन विवाह के आयोजन होते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी का आध्यात्मिक विवाह संपन्न हुआ था, इसलिए यह दिन विवाह संस्कार के लिए विशेष रूप से शुभ होता है।
फुलेरा दूज केवल रंगों और प्रेम का पर्व नहीं है, बल्कि यह दिन हमें आध्यात्मिक ऊर्जा, शुभता और भक्ति से भर देता है। यह भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को स्मरण करने और जीवन में सकारात्मकता लाने का उत्तम अवसर है। इस दिन पूजा-पाठ, भजन और सेवा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
हरि नाम संकीर्तन के साथ फुलेरा दूज की हार्दिक शुभकामनाएं!
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