बगलामुखी जयंती: अद्भुत स्तंभन शक्ति की उपासना

बगलामुखी जयंती: अद्भुत स्तंभन शक्ति की उपासना

हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को माँ बगलामुखी देवी की जयंती मनाई जाती है। यह दिन देवी बगलामुखी की आराधना और उनके अद्भुत स्तंभन शक्ति को समर्पित होता है। वर्ष 2025 में यह पावन दिन 5 मई को पड़ रहा है।

माँ बगलामुखी कौन हैं?

बगलामुखी देवी दस महाविद्याओं में आठवीं विद्या के रूप में पूजनीय हैं। उनका नाम "बगला" (जिसका अर्थ होता है – रोकना या नियंत्रित करना) और "मुखी" (अर्थात मुख या वाणी) से मिलकर बना है, जो संकेत देता है कि माँ के पास शत्रुओं की वाणी, बुद्धि और गति को रोकने की अलौकिक शक्ति है।

माँ को पीले वस्त्रों में, स्वर्णासन पर बैठी हुई दर्शाया जाता है, जो एक असुर की जिव्हा (जीभ) को पकड़ कर उसे अपने गदा से पराजित करती हैं। यह प्रतीक है — दुष्टता, झूठ, और अपवित्र वाणी पर नियंत्रण का।

माँ बगलामुखी की विशेषताएँ

  • माँ बगलामुखी को "स्तंभन शक्ति" की देवी माना जाता है।

  • वे भक्तों की रक्षा करती हैं, शत्रुओं को शांत करती हैं और जीवन में आने वाली कठिनाइयों को नष्ट करती हैं।

  • विशेष रूप से, वे उन लोगों की आराध्या देवी मानी जाती हैं जो वकालत, राजनीति, वाद-विवाद, अथवा किसी संघर्ष में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं।

बगलामुखी जयंती का महत्व

बगलामुखी जयंती के दिन माँ की उपासना करने से जीवन की नकारात्मक शक्तियों पर विजय प्राप्त होती है। यह दिन साधकों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। विशेष रूप से, बगलामुखी मंत्र-जप, हवन, और अनुष्ठान करने से अद्भुत लाभ प्राप्त होते हैं।

पूजन विधि एवं नियम

  • इस दिन पीले वस्त्र पहनें, पीली मिठाई का भोग लगाएं और पीले फूल चढ़ाएं।

  • माँ का प्रसिद्ध बीज मंत्र है:

    "ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥"

  • इस मंत्र का 108 बार जप करने से शत्रु बाधा, कानूनी मामले, मानसिक अशांति आदि दूर होती हैं।

प्रसिद्ध मंदिर

भारत में माँ बगलामुखी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जैसे:

  • दतिया, मध्य प्रदेश

  • नलखेड़ा, मध्य प्रदेश

  • कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश

इन मंदिरों में जयंती के दिन विशेष अनुष्ठान होते हैं और दूर-दूर से भक्त माँ का आशीर्वाद लेने आते हैं।

माँ का संदेश

माँ बगलामुखी हमें सिखाती हैं कि वाणी पर नियंत्रण, मन की स्थिरता, और संयम ही सच्ची शक्ति है। जब हम भीतर से शांत और स्थिर होते हैं, तभी हम जीवन के बाहरी संघर्षों को भी सफलतापूर्वक जीत सकते हैं।

इस पावन बगलामुखी जयंती पर माँ से प्रार्थना है कि वे हम सबको बुद्धि, विजय, और आत्मबल प्रदान करें।

जय माँ बगलामुखी!

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