मार्गशीर्ष अमावस्या 2024: पितरों को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय, धन लाभ के बनेंगे योग

मार्गशीर्ष अमावस्या 2024: पितरों को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय, धन लाभ के बनेंगे योग

धार्मिक महत्व:
मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि को पितरों और भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इस दिन गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और पितृ दोष का निवारण होता है।

मार्गशीर्ष अमावस्या कब है?

  • आरंभ: 30 नवंबर, 2024 (शनिवार), प्रातः 10:29 बजे
  • समाप्ति: 1 दिसंबर, 2024 (रविवार), प्रातः 11:50 बजे

महत्वपूर्ण योग और समय:

  • सुकर्मा योग: सुबह से शाम 04:34 बजे तक
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:08 से 06:02 तक
  • तर्पण का समय: ब्रह्म मुहूर्त से लेकर प्रातः 11:50 तक

उपाय और विधि

  1. गंगा स्नान और सूर्य अर्घ्य:

    • पवित्र नदी में स्नान करें।
    • स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य देव को अर्घ्य दें।
    • अर्घ्य देते समय "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जप करें।
  2. पितृ तर्पण:

    • तांबे या चांदी के पात्र में जल, काला तिल, और गंगाजल लेकर पितरों का तर्पण करें।
    • दक्षिण दिशा की ओर मुख करके "ॐ आगच्छन्तु मे पितर इमं गृह्णन्तु जलांजलिम्" मंत्र का जाप करें।
  3. दान और पूजा:

    • पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और उसकी पूजा करें।
    • काले तिल, अन्न, और धन का दान करें।
  4. आर्थिक समस्याओं के निवारण के लिए उपाय:

    • लाल कपड़े में अलसी के बीज और कपूर बांधकर बहते जल में प्रवाहित करें।

पितरों को प्रसन्न करने के लाभ:
इस दिन तर्पण, श्राद्ध और दान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे सुख-समृद्धि और आर्थिक उन्नति होती है।

महत्वपूर्ण सामग्री:

  • काला तिल, गंगाजल, अक्षत (चावल), कुशा, सफेद फूल, और तांबे का पात्र।
  • तर्पण करते समय ध्यान दें कि मिट्टी या लोहे के पात्र का उपयोग न करें।

ध्यान रखें:
मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन पितरों को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद से जीवन की कठिनाइयों को दूर करने के लिए उत्तम अवसर प्रदान करता है।

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