मासिक दुर्गाष्टमी 2025: जानें 7 शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व व्रत कथा
मासिक दुर्गाष्टमी 2025 के लिए जानें आज के 7 शुभ मुहूर्त, मां दुर्गा का पूजन कैसे करें और पढ़िए पूरी व्रत कथा हिंदी में। सफल पूजा के लिए आवश्यक जानकारी।

आज का दिन बेहद खास है, क्योंकि आज मासिक दुर्गाष्टमी है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है। अगर आप भी मां दुर्गा की पूजा करने वाले हैं तो इस मासिक दुर्गाष्टमी की कथा जरूर पढ़ें।
मासिक दुर्गाष्टमी की व्रत कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में असुर दंभ को महिषासुर नाम का पुत्र प्राप्त हुआ, जिसकी बचपन से ही अमर होने की प्रबल इच्छा थी। अमरता प्राप्त करने के लिए उसने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या की। ब्रह्मा जी प्रसन्न हुए और वरदान मांगने को कहा। महिषासुर ने अमरता का वर मांगा, लेकिन ब्रह्मा जी ने कहा कि जन्म और मृत्यु शाश्वत सत्य हैं, अतः अमरता संभव नहीं।
तब महिषासुर ने ब्रह्मा जी से वर मांगा कि उसकी मृत्यु केवल किसी स्त्री के हाथों ही हो। ब्रह्मा जी ने यह वरदान दे दिया। इसके बाद महिषासुर ने पृथ्वी, पाताल और स्वर्ग लोक पर आक्रमण कर सभी को पराजित कर दिया।
देवताओं ने त्रिदेवों से सहायता मांगी। तब त्रिदेवों के तेज से देवी आदिशक्ति (दुर्गा) का प्रकट हुआ। हिमवान ने उन्हें सिंह वाहन प्रदान किया और अन्य देवताओं ने उन्हें अस्त्र-शस्त्र दिए। देवी के सौंदर्य से मोहित होकर महिषासुर ने विवाह प्रस्ताव भेजा, जिससे क्रोधित होकर देवी ने उसे युद्ध के लिए ललकारा।
यह युद्ध नौ दिन चला और अंततः देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया। तभी से दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जाता है।
मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा विधि
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सूर्योदय से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
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पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
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वहां कलश स्थापित करें और उसमें जल भरें।
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कलश पर आम के पत्ते और नारियल रखें।
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दीपक और धूप जलाएं और "ॐ दुं दुर्गायै नमः" मंत्र का जाप करें।
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देवी को पुष्प, धूप, दीप, सुगंध और नैवेद्य अर्पित करें।
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देवी सप्तशती या देवी महात्म्य का पाठ करें।
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हवन सामग्री से हवन करें और आरती करें।
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प्रसाद वितरण करें और उपवास रखें। शाम को फलाहार करें।
मासिक दुर्गाष्टमी 2025 के 7 शुभ मुहूर्त
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ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 03:44 से 04:26 तक – ध्यान और साधना के लिए श्रेष्ठ समय।
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अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:29 से 12:23 तक – किसी भी शुभ कार्य के लिए उत्तम।
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विजय मुहूर्त: दोपहर 02:12 से 03:07 तक – सफलता दिलाने वाला समय।
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गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:43 से 07:04 तक – पूजा के लिए उपयुक्त।
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सायाह्न संध्या: शाम 06:45 से 07:47 तक – देवी आराधना का विशेष समय।
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अमृत काल: रात 08:23 से 10:05 तक – ध्यान व साधना के लिए शुभ।
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निशिता मुहूर्त: रात 11:35 से 12:17 तक – विशेष फलदायी समय।
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन देवी दुर्गा की आराधना करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इन विशेष मुहूर्तों में पूजा करके भक्त मां दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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