रक्षा बंधन 2025: भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व
रक्षा बंधन 2025 कब है, इसका महत्व, इतिहास और पूजा विधि क्या है? जानिए भाई-बहन के इस पवित्र त्योहार से जुड़ी रोचक बातें, परंपराएं और आधुनिक सेलिब्रेशन के तरीके।

भारत में त्योहार केवल परंपराएं नहीं होते, ये भावनाओं और रिश्तों के रंग होते हैं। ऐसा ही एक पर्व है रक्षा बंधन, जो भाई-बहन के पवित्र और अटूट रिश्ते को समर्पित है। यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, और इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बाँधती हैं, उनके दीर्घायु, सुख और सुरक्षा की कामना करती हैं।
रक्षा बंधन 2025 में 11 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा।
रक्षा बंधन का अर्थ और महत्व
"रक्षा बंधन" दो शब्दों से मिलकर बना है:
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"रक्षा" यानी सुरक्षा
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"बंधन" यानी बंधन या डोर
यह एक ऐसा धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है जिसमें बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा-सूत्र बाँधकर उनकी लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करती हैं, और भाई जीवनभर उनकी रक्षा का संकल्प लेते हैं। यह सिर्फ एक डोरी नहीं, बल्कि विश्वास, प्रेम और कर्तव्य का प्रतीक होती है।
पौराणिक और ऐतिहासिक कथाएं
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कृष्ण और द्रौपदी: महाभारत के अनुसार जब श्रीकृष्ण की उंगली कट गई थी, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांधा था। कृष्ण ने उस स्नेह का ऋण जीवनभर निभाया।
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इंद्र और इंद्राणी: देवासुर संग्राम के समय इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने उन्हें रक्षा के लिए रक्षासूत्र बाँधा था।
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रानी कर्णावती और हुमायूं: रानी कर्णावती ने मुग़ल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर अपने राज्य की रक्षा का निवेदन किया था।
रक्षा बंधन की परंपराएं
राखी थाली सजाना: थाली में रोली, अक्षत, दीया, मिठाई और राखी रखी जाती है।
तिलक और आरती: बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर आरती करती हैं और राखी बाँधती हैं।
उपहारों का आदान-प्रदान: भाई अपनी बहनों को उपहार या धन देते हैं।
पारिवारिक भोज: इस दिन विशेष पकवान बनते हैं और पूरा परिवार साथ में त्योहार मनाता है।
आधुनिक युग में रक्षा बंधन
ऑनलाइन राखी भेजना: जो बहनें दूर रहती हैं, वे ऑनलाइन राखी भेजकर अपने स्नेह को प्रकट करती हैं।
रक्षाबंधन इन डिफरेंट बॉन्ड्स: आजकल बहनें अपने मित्रों, गुरुओं, बहनों, या सैनिकों को भी राखी बाँधती हैं।
डिजिटल ग्रीटिंग्स: सोशल मीडिया और वीडियो कॉल के जरिए लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।
भावनात्मक महत्व
यह पर्व सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि स्मृतियों और भावनाओं का उत्सव है।
यह भाई-बहन के निर्विवाद प्रेम और विश्वास का प्रतीक है।
यह हमें याद दिलाता है कि रिश्ते दूरी से नहीं, दिलों से जुड़े होते हैं।
रक्षा बंधन 2025 को सिर्फ एक रस्म के रूप में न मनाकर, इसे एक भावनात्मक अनुभव के रूप में अपनाएं। अपने भाई या बहन के साथ कुछ पल साझा करें, उन्हें बताएं कि उनका साथ आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है। तो आइए, इस रक्षाबंधन को प्यार, सुरक्षा और स्नेह के रंगों से सजाएं।
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