करभ्रेश्वर महादेव उज्जैन – 84 महादेवों में 73वां मंदिर
उज्जैन स्थित करभ्रेश्वर महादेव मंदिर 84 महादेवों में 73वें स्थान पर आता है। जानिए इसका धार्मिक महत्व, कथा, पूजन विधि और दर्शन लाभ।

उज्जैन, भगवान महाकाल की नगरी, केवल महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यहां 84 महादेव मंदिर भी स्थित हैं। इन मंदिरों का दर्शन करना अपने आप में अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। इन्हीं में से एक है करभ्रेश्वर महादेव मंदिर, जो 73वें स्थान पर आता है।
करभ्रेश्वर महादेव का महत्व
करभ्रेश्वर महादेव मंदिर का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। ऐसा माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु यहां आकर भगवान शंकर का पूजन करता है, उसके जीवन से सभी संकट दूर हो जाते हैं। "कर" का अर्थ है हाथ और "भ्र" का अर्थ है दोष। इसलिए करभ्रेश्वर महादेव की उपासना से हाथों से किए गए पाप और दोष मिट जाते हैं तथा साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कथा और मान्यता
पुराणों के अनुसार, एक बार देवताओं और ऋषियों ने भगवान शंकर से प्रार्थना की कि वे भक्तों को उनके कर्मदोषों से मुक्ति दिलाएं। तभी भगवान शंकर ने करभ्रेश्वर स्वरूप धारण किया और वरदान दिया कि जो भी यहां श्रद्धा से पूजन करेगा, उसके पाप नष्ट होंगे और धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष की प्राप्ति होगी।
पूजा विधि
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सुबह जल्दी स्नान कर पवित्र मन से मंदिर जाएं।
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जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाकर भगवान शिव की आराधना करें।
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‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करें।
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विशेष रूप से सोमवार और शिवरात्रि के दिन यहां दर्शन करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
करभ्रेश्वर महादेव का दर्शन लाभ
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करभ्रेश्वर महादेव के दर्शन से सभी कर्मदोषों का नाश होता है।
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जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।
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साधक के कार्यों में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं।
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व्यक्ति को पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
उज्जैन के 84 महादेवों में से करभ्रेश्वर महादेव का स्थान अत्यंत पवित्र और चमत्कारिक है। हर शिव भक्त को महाकाल की नगरी में आकर इस मंदिर के दर्शन अवश्य करने चाहिए।
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