मासिक दुर्गा अष्टमी: पूजा विधि, महत्व और व्रत का आसान परिचय

मासिक दुर्गा अष्टमी 2025 का महत्व, पूजा विधि, व्रत नियम और शुभ तिथि जानिए। माँ दुर्गा की मासिक पूजा से पाएं आशीर्वाद, सुख-शांति और समृद्धि।

मासिक दुर्गा अष्टमी: पूजा विधि, महत्व और व्रत का आसान परिचय

मासिक दुर्गा अष्टमी हिन्दू धर्म में देवी दुर्गा की मासिक पूजा और व्रत का पवित्र पर्व है, जो हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन माँ दुर्गा के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, जो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि के द्वार खोलता है।

मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन माँ दुर्गा की पूजा करने और व्रत रखने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। माता की असीम कृपा से व्यक्ति के घर में सौभाग्य आता है, आर्थिक समृद्धि होती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है जो शत्रु और बुरी शक्तियों से सुरक्षा चाहते हैं।

मासिक दुर्गा अष्टमी पूजा विधि

  1. स्नान और शुद्धि: प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और गंगाजल से पूजा स्थल की सफाई करें।

  2. पूजा सामग्री तैयार करें: लाल कपड़ा, दीपक, धूप, फूल (विशेषकर लाल गुड़हल), कुमकुम, अक्षत, फल और सात्विक मिठाई तैयार रखें।

  3. माँ दुर्गा की स्थापना: पूजा चौकी पर माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें और लाल चुनरी से उन्हें श्रृंगार करें।

  4. अभिषेक और द्वारपाल पूजा: माता को पंचामृत से अभिषेक करें, सिंदूर और अक्षत अर्पित करें।

  5. मंत्र जप: माँ दुर्गा के मंत्र जैसे “ॐ दुं दुर्गायै नमः”, “या देवी सर्व भूतेषु” आदि का जाप करें।

  6. पूजा पाठ: दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

  7. प्रसाद अर्पण: फल, हलवा, खीर, मालपुआ, सूखे मेवे आदि सात्विक भोग के रूप में अर्पित करें।

  8. आरती और दान: आरती के बाद जरूरतमंदों को दान करें और परिवार के साथ प्रसाद बांटें।

व्रत नियम

मासिक दुर्गा अष्टमी के व्रत में पूरे दिन निर्जला व्रत रखा जा सकता है या फलाहार किया जा सकता है। दिनभर मां दुर्गा का ध्यान और मंत्र जप करना चाहिए। व्रत का उद्देश्य मन और शरीर की पवित्रता बनाए रखना और माँ के प्रति पूर्ण भक्ति है।

2025 में मासिक दुर्गा अष्टमी तिथि

  • 7 जनवरी

  • 1 अगस्त

  • अन्य महीनों में भी हर शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है।

मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत और पूजा से जीवन में नई ऊर्जा, शक्ति और सकारात्मकता आती है। यह मासिक पर्व न केवल भक्ति का उत्सव है, बल्कि जीवन को सशक्त बनाने और कठिनाइयों से लड़ने का साधन भी है। इसलिए मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत श्रद्धा और समर्पण के साथ अवश्य करना चाहिए।

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