दुर्दुरेश्वर महादेव: उज्जैन के 84 महादेवों का अंतिम और विशेष शिवलिंग

उज्जैन के अंतिम 84 महादेव मंदिर, दुर्धुरेश्वर महादेव, मोक्ष और संकटमोचन के प्रतीक हैं। जानिए इस पवित्र मंदिर का इतिहास, महत्ता और भक्तों के लिए विशेष पूजा विधि।

दुर्दुरेश्वर महादेव: उज्जैन के 84 महादेवों का अंतिम और विशेष शिवलिंग

उज्जैन शहर में स्थित दुर्दुरेश्वर महादेव मंदिर 84 महादेव यात्रा का अंतिम और अत्यंत महत्वपूर्ण मंदिर है। "दुर्दुर" शब्द का अर्थ है संकट या कष्ट, और इसलिए यह शिवलिंग संकटों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि जो भी श्रद्धालु यहां मन, वचन और कर्म से शिव की पूजा करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। यह मंदिर उज्जैन के जैथल गांव के पास आगर रोड पर स्थित है, जहां हर दिन भक्तों की निरंतर भीड़ लगी रहती है।

84 महादेव यात्रा और दुर्दुरेश्वर महादेव की महत्ता

उज्जैन के 84 महादेव मंदिरों की यात्रा हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्ति का एक पवित्र साधन मानी जाती है। पुराणों के अनुसार, भगवान शिव ने राक्षस अंधकासुर का काल्पनिक वध इसी क्षेत्र में किया था, जिससे उसके रक्त की बूंदों से 84 शिवलिंगों का उद्भव हुआ। दुर्दुरेश्वर महादेव इन 84 शिवलिंगों में अंतिम है, जो इस पवित्र यात्रा का समापन करता है। भक्तजन मानते हैं कि इस यात्रा को पूर्ण कर लेने से 84 लाख योनियों के चक्र से मुक्ति मिलती है और आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। यहां का वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण है, जो हर आगंतुक को आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराता है।

पूजा और धार्मिक अनुष्ठान

दुर्दुरेश्वर महादेव मंदिर में पूजा विधि बेहद पारंपरिक और श्रद्धापूर्ण होती है। भक्त पूजा के लिए दूध, जल, दही, पंचामृत और बेलपत्र चढ़ाते हैं। खासकर सावन और भाद्रपद मास में यहां विशेष उत्सव और आराधना का आयोजन होता है। शिव जी की आराधना के दौरान 'ॐ नमः शिवाय' के मंत्रों का जप किया जाता है जिससे वातावरण पूजा की भक्ति से भर जाता है। भक्त यहां अपने जीवन की समस्याओं और बाधाओं का समाधान पाने के लिए आते हैं और विश्वास करते हैं कि दुर्दुरेश्वर महादेव उनकी सभी मांगों को पूर्ण करते हैं।

यात्रा के लिए सुझाव और अनुभव

दुर्दुरेश्वर महादेव मंदिर की यात्रा का सबसे अच्छा समय सावन मास और महाशिवरात्रि जैसे पावन अवसर होते हैं। यात्रा करने वाले भक्त उज्जैन में पहले महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करते हैं और फिर 84 महादेव यात्रा पूरी करते हुए दुर्दुरेश्वर महादेव मंदिर पहुंचते हैं। यात्रा में स्नान, पूजा, और मंत्र जाप के साथ साथ स्थानीय पुजारियों से दर्शन और कथा सुनना भी एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। यात्रा के दौरान ताजा फूल, बेलपत्र और पंचामृत लेकर आना शुभ माना जाता है।

दुर्दुरेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल 84 महादेव यात्रा का समापन बिंदु है, बल्कि संकटों को दूर करने और मोक्ष प्रदान करने वाले शिवलिंग के रूप में भी अत्यंत प्रतिष्ठित है। इस मंदिर का दर्शन और पूजा भक्तों के जीवन में नई ऊर्जा और शांति का संचार करता है। उज्जैन आने वाले हर भक्त के लिए दुर्दुरेश्वर महादेव की यात्रा और पूजा परम पुण्यदायी होती है।

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