Chandra Darshan 2025: चंद्र दर्शन का महत्व और उपाय

Chandra Darshan 2025 में अमावस्या के बाद चंद्र दर्शन क्यों जरूरी है? जानें इसकी धार्मिक मान्यता, फायदे और क्या करें-क्या न करें इस दिन।

Chandra Darshan 2025: चंद्र दर्शन का महत्व और उपाय

पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि अमावस्या कहलाती है। इसके अगले दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व माना गया है। इस साल ज्येष्ठ अमावस्या 27 मई को मनाई गई थी और 28 मई को चंद्र दर्शन किया जाएगा। ऐसे में चलिए जानते हैं कि चंद्र दर्शन के दिन आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

चंद्र दर्शन के दिन क्या करें क्या नहीं?

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। पुराणों में चंद्र देव को सुंदरता, शीतलता और मन की शांति देने वाले पूजनीय देवता माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा हमारे मन और भावनाओं के संचालनकर्ता होते हैं। इसलिए जब चंद्रमा का दर्शन पहली बार अमावस्या के बाद होता है, तो वह दिन ‘चंद्र दर्शन’ कहलाता है और यह दिन अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है।

इस साल ‘चंद्र दर्शन’ ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर 28 मई बुधवार को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में इस दिन की विशेष मान्यता है, क्योंकि चंद्र देव की पूजा करने से मानसिक शांति, सौंदर्य, आकर्षण और मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है।

चंद्र दर्शन का महत्व

धार्मिक मान्यताओं में चंद्र दर्शन को ज्ञान का प्रतीक माना गया है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में भी चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि अमावस्या के बाद किए गए चंद्र दर्शन से साधक को जीवन में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। कई लोग इस दिन उपवास रखते हैं और रात को चंद्र दर्शन कर अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलते हैं।

चंद्र दर्शन का समय और अवधि

चंद्र दर्शन का समय: शाम 6:42 बजे से रात 8:19 बजे तक
चंद्र दर्शन की अवधि: 1 घंटा 37 मिनट

आज का पंचांग (28 मई 2025)

  • तिथि: ज्येष्ठ शुक्ल द्वितीया

  • वार: बुधवार

  • नक्षत्र: मृगशिरा (29 मई सुबह 12:29 बजे तक)

  • योग: धृति (शाम 7:09 बजे तक)

  • सूर्योदय: सुबह 5:25 बजे

  • सूर्यास्त: शाम 7:12 बजे

  • चंद्रोदय: सुबह 6:03 बजे

  • चंद्रास्त: रात 8:59 बजे

शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: 4:03 AM – 4:44 AM

  • प्रातः संध्या: 4:23 AM – 5:25 AM

  • विजय मुहूर्त: 2:37 PM – 3:32 PM

  • गोधूलि मुहूर्त: 7:11 PM – 7:32 PM

  • सायाह्न संध्या: 7:12 PM – 8:14 PM

  • अमृत काल: 4:33 PM – 5:59 PM

  • निशिता मुहूर्त: 11:58 PM – 12:39 AM (29 मई)

  • सर्वार्थ सिद्धि योग: 5:25 AM – 12:29 AM (29 मई)

अशुभ समय

  • राहुकाल: 12:19 PM – 2:02 PM

  • गुलिक काल: 10:35 AM – 12:19 PM

  • यमगंडा: 7:08 AM – 8:52 AM

मृगशिरा नक्षत्र के विशेषताएं

मृगशिरा नक्षत्र में जन्मे जातक सुंदर, आकर्षक, विचारशील व खोजी स्वभाव के होते हैं।

  • नक्षत्र स्वामी: मंगल

  • राशि स्वामी: शुक्र, बुध

  • देवता: सोम (चंद्र देव)

  • प्रतीक: हिरण का सिर

इस दिन क्या करें?

  • चंद्र देव का ध्यान करें और उन्हें कच्चा दूध, सफेद फूल व चावल अर्पित करें।

  • "ॐ चं चंद्राय नमः" मंत्र का जप करें।

  • चंद्रमा को देखकर जल अर्घ्य दें और मन की शुद्धि के लिए प्रार्थना करें।

  • सफेद वस्त्र पहनें और सात्विक भोजन करें।

इस दिन क्या न करें?

  • क्रोध, नकारात्मक विचार और अशुद्ध खान-पान से बचें।

  • अधिक तामसिक भोजन, जैसे मांस-मदिरा आदि का सेवन न करें।

  • चंद्रमा को न देखकर दिन व्यर्थ न जाने दें, क्योंकि यह दुर्लभ अवसर है।

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