गुरु पूर्णिमा 2025: पितृ दोष दूर करने के उपाय और दान का महत्वगुरु पूर्णिमा 2025: पितृ दोष दूर करने के उपाय और दान का महत्व
गुरु पूर्णिमा 2025 का धार्मिक महत्व जानें, पितृ दोष से मुक्ति पाने के उपाय, दीपदान की सही विधि, गुरु पूजन विधि और इस दिन क्या करें और क्या न करें। पाएं पूर्वजों की कृपा और गुरु का आशीर्वाद।

गुरु पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
गुरु पूर्णिमा, जिसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है, हर वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, जो महाभारत जैसे महाग्रंथ के रचयिता थे। यह दिन गुरुओं के प्रति श्रद्धा, सम्मान और आभार प्रकट करने का अवसर होता है। साथ ही यह दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी बेहद शुभ माना गया है।
पितृ दोष से मुक्ति के लिए कहां जलाएं दीपक?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और पितृ प्रसन्न होते हैं। गुरु पूर्णिमा पर विशेष रूप से इन स्थानों पर दीपक जलाना शुभ माना गया है:
1. दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं
दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना गया है। इस दिन घर की दक्षिण दिशा में तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाना पितृ दोष से राहत दिलाता है।
2. पूर्वजों की तस्वीर के सामने दीपक जलाएं
पूर्वजों की तस्वीर के सामने तिल के तेल का दीपक जलाकर उनका स्मरण करें। दीपक जलाते समय मन में क्षमा याचना करें और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
3. पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं
पीपल का वृक्ष पवित्र और देवताओं का वास स्थल माना जाता है। इसके नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना भी अत्यंत शुभ होता है।
4. नदी में दीपदान करें
पवित्र नदी या सरोवर में दीपदान करना गुरु पूर्णिमा पर अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
गुरु पूर्णिमा पर क्या-क्या दान करें?
इस पावन दिन पर दान करना विशेष रूप से फलदायक माना जाता है। आप निम्न वस्तुएं दान कर सकते हैं:
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अनाज, फल और भोजन: जरूरतमंदों को भोजन या अनाज दान करें।
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कपड़े और चप्पल: पुराने या नए वस्त्र और चप्पल दान करना पुण्य का कार्य है।
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छाता और धन: वर्षा ऋतु में छाता दान करना और जरूरतमंदों को धन देना भी विशेष फल देता है।
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ग्रंथ और धार्मिक पुस्तकें: धार्मिक पुस्तकों का दान और पाठ करना भी श्रेष्ठ माना गया है।
गुरु का आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें?
अगर आपके जीवन में कोई गुरु हैं तो इस दिन उनका आशीर्वाद अवश्य लें। उनके चरण स्पर्श कर उपहार या दक्षिणा अर्पित करें। यह आपके जीवन में मार्गदर्शन, समृद्धि और संतुलन लाएगा।
क्या करें और क्या न करें?
करें |
न करें |
गुरु या संत के प्रवचन सुनें |
पितरों का अपमान या उपेक्षा न करें |
ध्यान और साधना करें |
बिना स्नान-शुद्धि के पूजा न करें |
पूर्वजों को स्मरण कर दीपक जलाएं |
दीपक सीधे ज़मीन पर न रखें – चावल या थाली का उपयोग करें |
Guru Purnima 2025 सिर्फ गुरु भक्ति का पर्व नहीं है, बल्कि यह अपने पितरों की कृपा प्राप्त करने और पितृ दोष से मुक्ति का भी एक सशक्त माध्यम है। सही दिशा में दीपक जलाना, नदी में दीपदान, पीपल पूजन और दान-पुण्य जैसे उपायों से न केवल पितृ प्रसन्न होते हैं, बल्कि आपके जीवन में भी सुख-शांति और समृद्धि आती है।
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