दत्तात्रेय जयंती 2024: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और महत्व

दत्तात्रेय जयंती 2024 के इस विस्तृत विवरण से हमें पता चलता है कि यह पर्व हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। भगवान दत्तात्रेय को त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) के संयुक्त स्वरूप के रूप में पूजा जाता है। मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि पर यह उत्सव मनाया जाता है। इस साल यह जयंती 14 दिसंबर 2024 को मनाई जा रही है।
मुख्य जानकारी:
-
महत्व:
- भगवान दत्तात्रेय का जन्म मार्गशीर्ष पूर्णिमा को हुआ था।
- यह दिन भक्तों के जीवन के संकटों को समाप्त करने और सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रतीक माना जाता है।
-
पूजा का शुभ मुहूर्त:
- गोधूलि मुहूर्त: 5:23 PM से 5:51 PM तक।
- निशिता मुहूर्त: 11:49 PM (14 दिसंबर) से 12:44 AM (15 दिसंबर)।
- अभिजीत मुहूर्त: 11:48 AM से 12:39 PM तक।
- सर्वार्थ सिद्धि योग: 7:06 AM (14 दिसंबर) से 3:54 AM (15 दिसंबर)।
-
पूजा विधि:
- प्रातः स्नान के बाद घर और पूजा स्थल की सफाई करें।
- एक चौकी पर भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति स्थापित करें।
- मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं और सफेद चंदन, हल्दी का तिलक लगाएं।
- फूल, माला, मिठाई और तुलसी पत्र अर्पित करें।
- जिनके पास मूर्ति न हो, वे भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं।
- अंत में आरती करें और दत्तात्रेय जी के मंत्रों का जाप करें।
-
पूजा मंत्र:
- ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नमः।
- दिगंबरा-दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा।
- ॐ दिगंबराय विद्महे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दत: प्रचोदयात।
-
उपवास और व्रत कथा:
- इस दिन उपवास का पालन कर व्रत कथा का पाठ अवश्य करें।
- तामसिक भोजन और बुरी आदतों से बचें।
- जरूरतमंदों को दान करें।
धार्मिक महत्व:
दत्तात्रेय जी ने 24 गुरुओं से शिक्षा ग्रहण की और ईश्वर व गुरु के प्रतीक माने जाते हैं। उनकी पूजा से भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
आप इस अवसर पर उपरोक्त विधियों का पालन कर भगवान दत्तात्रेय की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। दत्तात्रेय जयंती के पवित्र दिन पर सभी भक्तों को शुभकामनाएं।
What's Your Reaction?






