दशहरा: अच्छाई की बुराई पर विजय का पर्व
दशहरा भारत का प्रमुख त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत, रावण दहन और राम की विजय की प्रेरक कथा के साथ मनाया जाता है।

दशहरा या विजयादशमी भारत का एक प्रमुख पर्व है। यह हर साल अत्यंत उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार रामायण और देवी महात्म्य जैसी पौराणिक कथाओं से जुड़ा है। जिसमें भगवान राम ने रावण का वध किया और देवी दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया।
ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व
दशहरा का मुख्य संदेश बुराई पर अच्छाई की जीत है। श्रीराम ने रावण का वध कर अधर्म, अहंकार और अधोलोक की बुराइयों को समाप्त किया। वहीं, देवी दुर्गा ने भी नौ दिनों के संघर्ष के बाद आठवीं-नवमी को महिषासुर का अंत किया।
प्रमुख परंपराएं और उत्सव
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रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतलों का दहन।
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रामलीला का आयोजन, जिसमें रामायण की कथा प्रस्तुत की जाती है।
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नवरात्रि के बाद शस्त्र पूजा व माता की मूर्ति विसर्जन।
सामाजिक संदेश
यह पर्व हमें सत्य, धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। दशहरा समाज में प्रेम, भाईचारा और एकता की भावना भी बढ़ाता है। यह बच्चों और युवाओं को सिखाता है कि अंतिम जीत सदैव सच और अच्छाई की होती है।
दशहरा केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सत्य, साहस और विवेक की महत्ता को दर्शाता है। बुराई चाहे कितनी भी प्रबल हो, अंत में विजय सच्चाई की ही होती है। यही दशहरे का शाश्वत संदेश है।
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