पंचक्रोशी यात्रा 2025: उज्जैन के दिव्य चक्र की एक पवित्र यात्रा

पंचक्रोशी यात्रा 2025: उज्जैन के दिव्य चक्र की एक पवित्र यात्रा

उज्जैन — भगवान महाकाल की नगरी — श्रद्धा और आस्था का अद्भुत प्रतीक है। यहाँ की अनेक धार्मिक परंपराओं में पंचक्रोशी यात्रा (जिसे पंचेशनी यात्रा भी कहा जाता है) का विशेष महत्व है। यह पवित्र यात्रा हर वर्ष वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में संपन्न होती है। 2025 में भी यह यात्रा हजारों श्रद्धालुओं को आत्मशुद्धि, पुण्य लाभ और मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर होने का अवसर प्रदान करेगी।

पंचक्रोशी यात्रा 2025 की तिथियाँ

पंचक्रोशी यात्रा 2025 का शुभारंभ 23 अप्रैल 2025 (वैशाख कृष्ण दशमी) को होगा और इसका समापन 27 अप्रैल 2025 (वैशाख अमावस्या) के दिन होगा।

आध्यात्मिक महत्व

प्राचीन हिंदू ग्रंथों में पंचक्रोशी यात्रा का उल्लेख मिलता है और इसे अत्यंत पुण्यकारी यात्रा माना गया है। इस पथ पर नंगे पाँव चलने से पापों का नाश होता है, आंतरिक शुद्धि प्राप्त होती है, और मोक्ष का द्वार खुलता है। यह यात्रा बाहरी यात्रा के साथ-साथ आत्मिक परिवर्तन का भी प्रतीक है।

यात्रा की शुरुआत पटनी बाज़ार स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर से होती है, जहाँ से श्रद्धालु "बल" (आध्यात्मिक ऊर्जा) ग्रहण करते हैं। पाँच दिवसीय इस यात्रा के पश्चात वही "बल" पुनः मंदिर में समर्पित कर यात्रा पूर्ण होती है।

दूरी और अवधि

  • कुल दूरी: लगभग 118 किलोमीटर

  • समय: 5 दिन

  • यात्रा का माध्यम: पैदल (अधिकतर श्रद्धालु नंगे पाँव चलते हैं)

पंचक्रोशी यात्रा मार्ग और प्रमुख पड़ाव

  • नागचंद्रेश्वर मंदिर से पिंगलेश्वर – 12 किलोमीटर

  • पिंगलेश्वर से कायावरोहणेश्वर – 23 किलोमीटर

  • कायावरोहणेश्वर से नलवा (अवकाश स्थल) – 21 किलोमीटर

  • नलवा से बिल्लकेश्वर (अंबोदिया) – 6 किलोमीटर

  • अंबोदिया से कालियादेह (अवकाश स्थल) – 21 किलोमीटर

  • कालियादेह से दूधरेश्वर (जेथल) – 12 किलोमीटर

  • दूधरेश्वर से उंडासा (अवकाश स्थल) – 16 किलोमीटर

  • उंडासा से शिप्रा घाट (रेती मैदान) – 12 किलोमीटर

अंत में श्रद्धालु पवित्र शिप्रा नदी में स्नान कर नागचंद्रेश्वर मंदिर लौटते हैं और बल समर्पण कर यात्रा का समापन करते हैं।

प्रशासनिक व्यवस्थाएँ

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा यात्रा के सफल आयोजन हेतु विशेष प्रबंध किए जाते हैं:

  • प्रत्येक पड़ाव पर मार्गदर्शन केंद्र, नियंत्रण कक्ष, एवं पुलिस कैंप

  • विश्राम हेतु टेंट, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, स्नानागार, स्ट्रीट लाइट्स, और चिकित्सा शिविर (प्रत्येक पड़ाव पर 20 बेड का चिकित्सा केंद्र)

  • एंबुलेंस सेवा, प्राथमिक उपचार, और निशुल्क पेट्रोलियम जैली वितरण

  • उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से अनाज, आवश्यक वस्तुएँ, चाय, चीनी आदि की उपलब्धता

  • सांची दुग्ध बूथों के माध्यम से दूध, घी, और दुग्ध उत्पादों की आपूर्ति

  • सड़क मरम्मत, जन सुविधाएँ, हेड काउंटिंग, बीमा सुविधा, और निर्बाध बिजली आपूर्ति

क्यों करें पंचक्रोशी यात्रा?

  • आत्मिक शुद्धि और आंतरिक शांति की प्राप्ति

  • भगवान महाकाल और अन्य देवताओं का आशीर्वाद

  • शारीरिक सहनशक्ति, मानसिक अनुशासन, और भावनात्मक उन्नति का अनुभव

  • उज्जैन की जीवंत सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का साक्षात्कार

पंचक्रोशी यात्रा केवल एक तीर्थयात्रा नहीं है, यह स्वयं ईश्वर तक पहुँचने की एक पथिक साधना है। जब आप पवित्र मार्गों पर कदम रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और हजारों श्रद्धालुओं की भक्ति से ओतप्रोत वातावरण में डूबते हैं, तो आप भीतर से एक नए रूप में जागृत हो जाते हैं। यदि आप शांति, उद्देश्य या प्रायश्चित की खोज में हैं, तो उज्जैन की पंचक्रोशी यात्रा 2025 आपके स्वागत के लिए तैयार है।

हर हर महादेव! जय महाकाल!

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