मार्गशीर्ष माह 2024: क्यों है श्रीकृष्ण को प्रिय और क्या हैं इस माह के खास नियम, जानें इसका महत्व

मार्गशीर्ष माह 2024: क्यों है श्रीकृष्ण को प्रिय और क्या हैं इस माह के खास नियम, जानें इसका महत्व

मार्गशीर्ष माह का महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह जिसे अगहन माह भी कहा जाता है, नौवां महीना है और यह धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे श्रीकृष्ण का प्रिय महीना माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना और जप-तप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है। इस महीने में धार्मिक कार्यों का फल बहुत प्रभावी और सिद्धि प्रदान करने वाला माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, इस माह में की गई पूजा, ध्यान, और तपस्या विशेष रूप से फलदायी होती है।

मार्गशीर्ष माह 2024 की तिथियां

मार्गशीर्ष माह की शुरुआत 16 नवंबर 2024 से होगी और यह 15 दिसंबर 2024 तक चलेगा। इस वर्ष के मार्गशीर्ष माह का पहला दिन वृश्चिक संक्रांति का भी विशेष संयोग है, जब सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। यह माह मांगलिक कार्यों, जैसे विवाह आदि के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

भगवान श्रीकृष्ण और मार्गशीर्ष माह का विशेष संबंध

भगवद गीता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं मार्गशीर्ष माह को अपने समान बताया है। उन्होंने इस माह को श्रेष्ठ बताया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि श्रीकृष्ण की उपासना करने के लिए यह महीना बहुत ही शुभ है। ऐसा माना जाता है कि इस माह में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से श्रीकृष्ण का ध्यान और मंत्रों का जप करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

मार्गशीर्ष माह में करने योग्य कार्य (Dos)

  1. विष्णुसहस्त्रनाम और भगवद गीता का पाठ: मार्गशीर्ष माह में विष्णुसहस्त्रनाम और गीता का पाठ करने से पितरों को शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

  2. शंख पूजा: इस माह में शंख पूजा का विशेष महत्व है। पवित्र नदी के जल से शंख भरकर पूजा स्थल पर रखें और इसे मंत्रोच्चार के साथ भगवान के सामने घुमाएं। इसके बाद इस जल को पूरे घर में छिड़क दें, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और संपन्नता का संचार होता है।

  3. सुबह-शाम श्रीकृष्ण की उपासना: संतान प्राप्ति या सुखी जीवन की कामना रखने वाले लोगों के लिए मार्गशीर्ष माह में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद श्रीकृष्ण की पूजा करना लाभकारी माना गया है। शाम के समय भी भगवान की वंदना करें और दीपक जलाएं।

मार्गशीर्ष माह में क्या न करें (Don’ts)

  1. तामसिक भोजन का परहेज: इस महीने में तामसिक भोजन जैसे मांस, मदिरा, और अधिक मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। शुद्ध शाकाहारी भोजन का सेवन करने से मानसिक शांति और सकारात्मकता बनी रहती है।

  2. कड़वी या कठोर भाषा का त्याग: इस माह में कठोर या नकारात्मक शब्दों का प्रयोग न करें। कड़वे वचन से बचें और सदैव मीठा बोलें, जिससे परिवार और समाज में भी शांति और सौहार्द बना रहे।

  3. ठंडी चीजों का सेवन न करें: मार्गशीर्ष माह में ठंडी चीजें जैसे दही और जीरे का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। सर्दियों के चरम समय में इन चीजों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

मार्गशीर्ष माह के धार्मिक लाभ

मार्गशीर्ष माह में श्रद्धा और नियमपूर्वक पूजा-अर्चना करने से ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है। विशेषकर श्रीकृष्ण की पूजा से व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होता है और उसे जीवन में सुख-समृद्धि का अनुभव होता है। इस माह में की गई उपासना जीवन में शांति, प्रसन्नता और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करती है।

निष्कर्ष

मार्गशीर्ष माह श्रीकृष्ण की भक्ति और साधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस माह के दौरान धर्म, आस्था, और सद्गुणों का पालन करने से जीवन में सकारात्मकता आती है। यदि इस माह में श्रद्धा से किए गए कर्मों का पालन किया जाए तो जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।

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