वैशाख अमावस्या 2025: महत्व, पूजा विधि और उपाय

वैशाख अमावस्या का महत्व:
वैशाख मास स्वयं भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। अमावस्या तिथि के कारण इस दिन पितरों की शांति और मोक्ष के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन किए गए पुण्यकर्म का फल कई गुना अधिक होता है।
पूजा विधि:
- प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें।
- सूर्य देव और पितरों को जल अर्पित करें।भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें। तुलसी पत्र, दीपक, धूप और नैवेद्य अर्पित करें।
- पितरों के लिए तर्पण व पिंड दान करें।
- गरीबों और ब्राह्मणों को वस्त्र, अन्न, और दक्षिणा का दान करें।
- पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर परिक्रमा करना अत्यंत शुभ होता है।
- शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाकर "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।
- गरीबों को खिचड़ी, गुड़, और कपड़े दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
- काली मिर्च का दान और नज़र दोष से बचाव के उपाय इस दिन प्रभावशाली होते हैं।
वैशाख अमावस्या पर व्रत, उपवास और ध्यान से शरीर और मन दोनों की शुद्धि होती है। यह दिन साधना और आध्यात्मिक उन्नति का उत्तम अवसर माना जाता है।
अंत में, वैशाख अमावस्या का दिन हमारे पूर्वजों को स्मरण करने, उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करने और अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने का एक दिव्य अवसर है।
शुभ वैशाख अमावस्या!
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