सकट चौथ: सुख-समृद्धि और संतान की सुरक्षा का पर्व

सकट चौथ: सुख-समृद्धि और संतान की सुरक्षा का पर्व

सकट चौथ, जिसे संकष्टी चतुर्थी और माघी चौथ के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत और पूजा का दिन है। यह पर्व भगवान गणेश को समर्पित है, जो बाधाओं को दूर करने वाले और ज्ञान तथा समृद्धि के देवता माने जाते हैं। सकट चौथ का व्रत विशेष रूप से माताओं द्वारा अपनी संतान की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। आइए, जानते हैं इस पर्व की महत्वपूर्ण जानकारी और पूजा विधि के बारे में।

सकट चौथ का महत्व

सकट चौथ भगवान गणेश की पूजा और उपवास का पर्व है, जो संतान की सुख-समृद्धि और दीर्घायु के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन के सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं। विशेष रूप से महिलाएं इस दिन व्रत रखकर अपने बच्चों की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। इस दिन चंद्र देवता की भी पूजा की जाती है, जिससे व्रत पूरा होता है।

पूजा सामग्री

सकट चौथ की पूजा के लिए विशेष सामग्रियों की आवश्यकता होती है। यहां पूजा सामग्री की सूची दी गई है:

  • पीला कपड़ा
  • चौकी
  • फूल
  • गंगाजल
  • जल
  • सुपारी
  • जनेऊ
  • लौंग
  • दीपक
  • दूध
  • मोदक
  • धूप
  • देसी घी
  • 11 या 21 तिल के लड्डू
  • फल
  • कलश
  • गणेश जी की प्रतिमा

पूजा विधि

  1. प्रारंभिक तैयारी: घर को साफ करें और पूजा के लिए एक पवित्र स्थान बनाएं। गणेश जी की मूर्ति या चित्र चौकी पर स्थापित करें।
  2. जल्दी शुरुआत: सुबह जल्दी उठें, पवित्र स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  3. मंत्र उच्चारण: पूजा की शुरुआत गणेश जी को समर्पित पवित्र मंत्रों के उच्चारण से करें जैसे गणेश अथर्वशीर्ष या गणेश चालीसा।
  4. प्रसाद चढ़ाना: भगवान गणेश को मोदक, नारियल और दूर्वा घास चढ़ाएं। घी का दीपक जलाएं।
  5. उपवास: उपवास रखें और दिनभर अन्न का सेवन न करें। सिर्फ फल और जल का सेवन करें।
  6. व्रत कथा: पूजा के दौरान सकट चौथ व्रत कथा का पाठ करें।
  7. चंद्रमा को अर्घ्य: शाम को चंद्रमा को जल अर्पित करें और ओम सोम सोमाय नमः मंत्र का जाप करें।
  8. व्रत समाप्ति: चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलें। तिल और गुड़ का प्रसाद बांटें।

सकट चौथ व्रत का महत्व

इस दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत रखने से संतान की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। यह व्रत संकटों से मुक्ति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है। मान्यता है कि जो महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं, उनकी संतान को जीवन में कभी कोई बड़ी बाधा नहीं आती और वे हमेशा सुखी रहते हैं।

सकट चौथ की कथा

सकट चौथ की कथा भगवान गणेश और चंद्र देवता से जुड़ी है। कथा के अनुसार, एक बार चंद्र देव ने गणेश जी का मजाक उड़ाया था, जिससे गणेश जी ने उन्हें श्राप दे दिया। इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए चंद्र देव ने सकट चौथ का व्रत किया और गणेश जी की कृपा से उन्हें श्राप से मुक्ति मिली। इस दिन को मनाने का उद्देश्य भगवान गणेश की कृपा से जीवन के सभी संकटों का नाश करना और सुख-समृद्धि प्राप्त करना है।

निष्कर्ष

सकट चौथ का पर्व भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से जीवन के सभी कष्टों का नाश होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। सभी भक्त इस दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं।

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