ईश्वर ब्रह्मांड में प्रत्येक जीव के अंदर निवास करता है। ईश्वर की कृपा के बिना इस संसार में कोई भी कार्य संभव नहीं है। भाग्य ने पहले से ही तय कर रखा है कि किसे कब और कितना देना है। लेकिन कई बार हम अपने अच्छे कर्मों से प्राप्त पुण्यों से अपने संचित भाग्य की नियति भी बदल सकते हैं। हाल ही में कोरोना काल के प्रभाव से ब्रह्मांड काफी प्रभावित हुआ। जिसमें हम मनुष्य ही नहीं बल्कि अन्य जीव भी काफी प्रभावित हुए। जिससे कई जीव भूख-प्यास से तड़प-तड़प कर मर गए। जब महाराज श्री जी ने यह दृश्य देखा तो वे खुद को रोक नहीं पाए और इस सेवा को अपने पवित्र प्रकल्पों में शामिल कर लिया। और आप जैसे भक्तों को भी तन-मन-धन से इस मार्ग पर ले गए। आप भी इस सेवा से जुड़कर पुण्य कमा सकते हैं
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