अन्नदान (गरीब व जरूरतमंदों को भोजन)
भारतीय संस्कृति में कहा गया है –
🪔 “अन्नदानं परं दानं”
अर्थात अन्नदान से बड़ा कोई दान नहीं।
👉 गरीब और जरूरतमंद को भोजन कराना केवल दया नहीं, बल्कि मानवता और करुणा का सबसे श्रेष्ठ रूप है।
👉 शास्त्रों में मान्यता है कि अन्नदान से पितरों की तृप्ति होती है और ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
👉 जब कोई भूखा पेट भरकर जाता है, तो उसके आशीर्वाद से घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
✨ इस पुण्य कार्य में शामिल होकर आप भी किसी के जीवन में खुशियाँ बाँट सकते हैं।
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🪔 दान में क्या सम्मिलित है:
- ताजा शाकाहारी भोजन (चावल, दाल, रोटी, सब्जी)
- फल व मिठाई
- शुद्ध पेयजल
💰 अनुशंसित दान राशि: ₹501 (2 भोजन) / ₹5551(10 भोजन) / ₹10551(20 भोजन)