मणिबंध शक्ति पीठ, पुष्कर: इतिहास, मंदिर समय और यात्रा मार्गदर्शन
जानें पुष्कर के प्रसिद्ध मणिबंध शक्ति पीठ के बारे में। मंदिर का इतिहास, महत्व, दर्शन समय और आसपास के दर्शनीय स्थल पढ़ें।

मणिबंध शक्ति पीठ, जिसे मणिवेदिका शक्ति पीठ या गायत्री मंदिर भी कहा जाता है, पुष्कर, राजस्थान का एक अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है। यह मंदिर गायत्री हिल्स के पास स्थित है, अजमेर से लगभग 11 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में। मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और यहां का वातावरण भक्तों और पर्यटकों के लिए बहुत ही शांतिपूर्ण है। यह मंदिर गायत्री माता (सती) को समर्पित है, जबकि भगवान शिव को यहाँ सर्वानंद के रूप में पूजा जाता है। यह स्थान गायत्री मंत्र का ध्यान और साधना करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मंदिर की वास्तुकला प्राचीन भारत की भव्यता को दर्शाती है। यहाँ पत्थरों पर विभिन्न देवताओं की मूर्तियाँ बनी हैं और सुंदर नक्काशीदार स्तंभ मंदिर की भव्यता को और बढ़ाते हैं।
मंदिर का समय
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सुबह: 6:00 बजे – 12:00 बजे
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शाम: 4:30 बजे – 9:00 बजे
कैसे पहुंचे
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निकटतम हवाई अड्डा: जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जो प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
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निकटतम रेलवे स्टेशन: अजमेर रेलवे स्टेशन (यहां से टैक्सी या बस के माध्यम से पुष्कर पहुँचा जा सकता है)।
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सड़क मार्ग: पुष्कर राज्य और राष्ट्रीय सड़कों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। बसें, टैक्सियाँ और निजी वाहन उपलब्ध हैं।
यात्रा का सर्वोत्तम समय
पुष्कर में पूरे वर्ष यात्रा की जा सकती है, लेकिन नवंबर से मार्च के बीच मौसम सुहावना रहता है। इसी समय पुष्कर मेला आयोजित होता है, जो दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
इतिहास और महत्व
पुराणों के अनुसार, शक्ति पीठ वहीँ स्थापित किए गए जहाँ माता सती के अंग या आभूषण गिरे थे। भारत में कुल 51 शक्ति पीठ हैं। मणिबंध शक्ति पीठ को पवित्र माना जाता है क्योंकि माना जाता है कि माता सती की कलाई या कंगन यहाँ गिरे थे। यह मंदिर आध्यात्मिक साधना का केंद्र है। भक्त यहाँ साधना, पूजा और अनुष्ठान करने आते हैं। मंदिर की स्थापना दिवस पर अन्नकूट का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्त देवी को भोजन अर्पित करते हैं।
पर्व और उत्सव
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महाशिवरात्रि: भक्त व्रत रखते हैं, शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हैं और फलों का भोग अर्पित करते हैं।
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नवरात्रि: वर्ष में दो बार, नौ दिनों तक मनाई जाती है। भक्त व्रत रखते हैं, विशेष पूजा करते हैं और माता गायत्री की आराधना करते हैं।
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पुष्कर मेला: विश्व प्रसिद्ध ऊँट, घोड़ा और पशु मेला, भव्य आयोजन के साथ।
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गायत्री जयंती: माता गायत्री के सम्मान में भव्य और श्रद्धापूर्वक मनाई जाती है।
मंदिर की वास्तुकला और आस-पास के दर्शनीय स्थल
मंदिर की पत्थर की नक्काशी, विभिन्न देवताओं की मूर्तियाँ और सुंदर स्तंभ राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं। पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यहाँ से पुष्कर और आसपास के दृश्य सुंदर दिखाई देते हैं। पुष्कर में अन्य दर्शनीय स्थल: ब्रह्माजी मंदिर, रंगजी मंदिर, गुरुद्वारा साहिब, अत्मेश्वर मंदिर, मृता सिटी (अजमेर), गुलाब उद्यान, मोती महल – हेरिटेज हवेली, पुष्कर सरोवर।
मणिबंध शक्ति पीठ आध्यात्मिकता, इतिहास और संस्कृति का अद्भुत संगम है। चाहे आप साधना और ध्यान के लिए आएं, माता गायत्री से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हों, या पुष्कर मेला और पर्यटन का अनुभव लेना चाहें, यह मंदिर सभी के लिए एक अनोखा अनुभव प्रस्तुत करता है।
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