हरतालिका तीज 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि और व्रत कथा

हरतालिका तीज 2025 की तिथि, महत्व, पूजा विधि और व्रत कथा जानें। विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए यह पर्व क्यों खास है, पढ़ें पूरी जानकारी।

हरतालिका तीज 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि और व्रत कथा

भारत में महिलाओं के प्रमुख व्रतों और त्योहारों में से एक है हरतालिका तीज। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है और दांपत्य जीवन की लंबी आयु, सुख-समृद्धि तथा अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त करने की कामना से रखा जाता है। उत्तर भारत के कई राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड में यह पर्व बड़े उत्साह और श्रद्धा से मनाया जाता है।

हरतालिका तीज 2025 कब है?

हरतालिका तीज हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। वर्ष 2025 में यह व्रत 26 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा।

हरतालिका तीज की कथा (पौराणिक मान्यता)

‘हरतालिका’ शब्द दो शब्दों से बना है – हरित (हरना/अपहरण करना) और आलिका (सखी/मित्र)। कथा के अनुसार, हिमावन ने पार्वती जी का विवाह भगवान विष्णु से करने का निश्चय किया था। लेकिन माता पार्वती का मन केवल भगवान शिव को ही पति रूप में पाने का था। तब उनकी सखी ने उन्हें इस विवाह से बचाने के लिए उनका अपहरण कर जंगल में ले जाकर कठोर तपस्या के लिए प्रेरित किया। माता पार्वती ने घोर तपस्या की और अंततः भगवान शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया। इसी प्रसंग की स्मृति में हर साल हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है।

हरतालिका तीज 2025 की पूजा विधि

  1. व्रत पालन – महिलाएं इस दिन निर्जल व्रत या फलाहार व्रत रखती हैं।

  2. शिव-पार्वती पूजन – मिट्टी या धातु की मूर्तियां बनाकर उनका श्रृंगार किया जाता है और फूल, फल व अन्य पूजन सामग्री अर्पित की जाती है।

  3. व्रत कथा श्रवण – हरतालिका तीज की कथा सुनना व सुनाना अनिवार्य माना जाता है।

  4. रात्रि जागरण – कई महिलाएं रात्रि भर भजन-कीर्तन करती हैं और शिव-पार्वती का स्मरण करती हैं।

  5. श्रृंगार और मेहंदी – महिलाएं पारंपरिक हरे वस्त्र पहनती हैं, हाथों में मेहंदी रचाती हैं और गहनों से सजती हैं।

हरतालिका तीज का महत्व

  • विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुखमय जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं।

  • अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति की कामना से उपवास करती हैं।

  • यह पर्व भक्ति, धैर्य और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।

हरतालिका तीज 2025 का यह पर्व महिलाओं के लिए न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रेम, निष्ठा और समर्पण की भी अनोखी मिसाल है। यह दिन हमें माता पार्वती की तपस्या और अटूट विश्वास की याद दिलाता है और विवाह संबंध में विश्वास व समर्पण की महत्ता को दर्शाता है।

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