Bada Mangal 2025: आज ज्येष्ठ मास का अंतिम बड़ा मंगल, जानें पूजन विधि और शुभ योग
10 जून 2025 को मनाया जा रहा है ज्येष्ठ मास का अंतिम बड़ा मंगल। जानें हनुमान जी की पूजा विधि, शुभ योग, धार्मिक महत्व और इस दिन के विशेष उपाय।

10 जून 2025, मंगलवार – आज है ज्येष्ठ मास का अंतिम बड़ा मंगल, जो उत्तर भारत, विशेषकर लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों में अत्यधिक श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह दिन हनुमान जी को समर्पित होता है और इसे बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और हनुमान मंदिरों में दर्शन के लिए उमड़ते हैं।
बड़ा मंगल का महत्व
बड़ा मंगल न केवल एक परंपरा है बल्कि आस्था, श्रद्धा और चमत्कारिक विश्वास का प्रतीक है। मान्यता है कि बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान जी वृद्ध रूप में प्रकट होकर भक्तों के संकट हरते हैं। जो भी भक्त इस दिन सच्चे मन से व्रत और पूजा करता है, उसके जीवन से सारे कष्ट समाप्त होते हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है।
बड़ा मंगल 2025 के विशेष संयोग
इस वर्ष के अंतिम बड़े मंगल पर दो अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं:
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:23 बजे से रात 9:40 बजे तक
रवि योग: सुबह 5:23 बजे से रात 9:40 बजे तक
इन शुभ योगों में की गई पूजा और दान से सभी कार्यों में सफलता मिलती है और जीवन में उन्नति के द्वार खुलते हैं।
बड़ा मंगल 2025 पूजन विधि (Puja Vidhi for Bada Mangal 2025)
इस दिन हनुमान जी की पूजा विधिपूर्वक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। पूजा की विधि निम्नलिखित है:
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प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं।
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हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
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लाल फूल, गुड़-चना, लड्डू और तुलसी पत्र से पूजा करें।
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हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या रामचरितमानस का पाठ करें।
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व्रत रखें और संध्या के समय फलाहार करें।
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जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और जल का दान करें।
बुढ़वा मंगल की मान्यता
लोककथा के अनुसार इस दिन हनुमान जी वृद्ध रूप में प्रकट हुए थे और भक्तों को संकट से उबारा था। यही कारण है कि इसे बुढ़वा मंगल कहा जाता है। विशेषकर लखनऊ, कानपुर और अयोध्या जैसे शहरों में बड़ा मंगल पर भव्य भंडारे, झांकियां और शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं।
बड़ा मंगल पर करने योग्य उपाय
गरीबों को भोजन और जल का वितरण करें।
हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाएं।
पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
मंगलवार को हनुमान मंदिर में प्रसाद बांटें और बच्चों को लड्डू वितरित करें।
ज्येष्ठ मास का यह अंतिम बड़ा मंगल न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि अध्यात्मिक उन्नति का भी अवसर है। शुभ योगों के संयोग में किया गया व्रत, पूजन और दान निश्चित ही जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है। आइए, इस बड़े मंगल को श्रद्धा और विधिपूर्वक मनाएं और हनुमान जी की कृपा से अपने जीवन को संकटों से मुक्त करें।
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