🕉️ 84 महादेव ?
उज्जैन नगरी को महाकाल की भूमि कहा जाता है, जहाँ पर 84 प्राचीन शिवलिंगों की स्थापना की गई है। ये शिवलिंग भिन्न-भिन्न स्थानों पर स्थित हैं और हर एक शिवलिंग एक विशिष्ट ऊर्जा केंद्र (spiritual power spot) के रूप में कार्य करता है। कहा जाता है कि इन सभी शिवलिंगों का दर्शन और पूजन करने से 84 लाख योनियों से मुक्ति मिलती है।
"एक साथ 84 शिवधामों में अर्पण करने से जन्मों के पाप कटते हैं और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।"
"महाकाल.कॉम द्वारा प्रस्तुत "सावन विशेष – ८४ महादेव चढ़ावा"
एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व पहल है, जो पहली बार किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इस स्वरूप में उपलब्ध कराई गई है। यह पहली बार है जब भक्तों को एक ही बुकिंग में उज्जैन के पवित्र ८४ महादेव मंदिरों में विशेष शिव सामग्री जैसे बेलपत्र, आकड़ा, धतूरा, गंगाजल, दूध, और अन्य पवित्र वस्तुएँ विधिवत चढ़ाने (अर्पित करने) का अवसर मिल रहा है। यह कोई व्यक्तिगत पूजन नहीं, बल्कि सामूहिक धार्मिक समर्पण (Chadhava) है, जो सावन माह के प्रत्येक सोमवार या विशेष तिथियों पर अनुभवी पुजारियों द्वारा प्रत्येक शिवलिंग पर समर्पित किया जाता है। यह सेवा उन भक्तों के लिए विशेष है जो किसी कारणवश स्वयं मंदिर नहीं पहुँच सकते लेकिन अपनी श्रद्धा और आस्था को 84 महादेव तक पहुँचाना चाहते हैं। चढ़ावे के साथ वीडियो क्लिप, प्रमाण पत्र और प्रसाद की होम डिलीवरी भी शामिल है। यह पहल सावन में मोक्ष, शांति, समृद्धि और शिव कृपा प्राप्त करने का एक दुर्लभ और सशक्त माध्यम है — वह भी पूरी श्रद्धा और व्यवस्था के साथ।
सावन मास में इस अर्पण का विशेष महत्त्व
सावन मास भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र महीना है। इस दौरान:
- शिवजी को बिल्वपत्र, गंगाजल, दूध, धतूरा आदि समर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
- सोमवार का व्रत और पूजन विशेष फलदायक होता है।
- जो व्यक्ति इस महीने में श्रद्धापूर्वक पूजन करता है, उसके जीवन से विघ्न, रोग, शोक, बाधाएँ दूर होती हैं।