पुराणों के अनुसार मंगल को पृथ्वी की संतान कहा गया है, अर्थात यह पृथ्वी से ही विकसित एक ग्रह है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, मंगला (मंगल) का जन्म भगवान शिव के पिघलने से हुआ माना जाता है। महंत राजेंद्र भारती बताते हैं कि "उग्र" नाम मंगल ग्रह का प्राकृतिक नाम है। ज्योतिष बारह राशियों, ग्रहों, नक्षत्रों और अन्य खगोलीय तत्वों के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसमें मंगल का विशेष रूप से उदय के दौरान महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित मंगलनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसे उज्जैन में एक पवित्र स्थल माना जाता है, जिसे दुनिया का भौगोलिक केंद्र माना जाता है।