पूजा के बारे में
पितरों की संतुष्टि ही सच्चा श्राद्ध है और रामघाट इसका सबसे पवित्र द्वार है।
दर्श अमावस्या वह दिव्य तिथि है जब हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं, उन्हें तर्पण करते हैं और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन में आने वाली बाधाओं को शांत करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों के जीवन में लगातार असफलता, बीमारी, पारिवारिक कलह, संतान संबंधी समस्याएं या मानसिक अशांति बनी रहती है, उनके परिवार में पितृ दोष हो सकता है। ऐसे दोषों से मुक्ति पाने का सबसे शक्तिशाली उपाय है — दर्श अमावस्या पर जल चढ़ाना।
उज्जैन की पवित्र शिप्रा नदी का रामघाट वह तीर्थ स्थान है जहाँ स्वयं भगवान राम ने अपने पूर्वजों के लिए तर्पण किया था। यह स्थान पितृ कर्मों के लिए जागृत और सिद्ध क्षेत्र माना जाता है। यहाँ किया गया तर्पण यज्ञ न केवल पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करता है बल्कि पूरे कुल को ऊर्जा प्रदान करता है।
इस विशेष आयोजन में वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा शास्त्रीय विधि से तर्पण, पिंडदान एवं पितृ दोष निवारण यज्ञ किया जाएगा। यह अनुष्ठान आपके नाम एवं गोत्र के साथ किया जाएगा, जिससे आपके पूर्वजों को संतुष्टि मिलेगी तथा आपकी कुल परंपरा का कल्याण होगा।
🕉️ हमें इस दर्श अमावस्या पर यह पूजा क्यों करनी चाहिए?
हमारे पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए।
जीवन में अचानक आने वाली परेशानियों, बीमारियों और दरिद्रता से शांति के लिए।
परिवार और संतान में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए।
आध्यात्मिक शुद्धि और आध्यात्मिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए।
🌿 तर्पण के माध्यम से पितरों को जल अर्पित करना केवल एक कार्य नहीं है, बल्कि उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की कुंजी है।
🙏इस दर्श अमावस्या पर, आइये और महाकाल डॉट कॉम के माध्यम से रामघाट पर इस दिव्य यज्ञ में शामिल हों - और अपने कुल, जीवन और आत्मा को शुद्ध करें।