गंडमूल दोष निवारण पूजा का विवरण
गंडमूल दोष एक ज्योतिषीय दोष है जो तब उत्पन्न होता है जब कोई व्यक्ति विशेष नक्षत्रों में जन्म लेता है। गंडमूल दोष तब माना जाता है जब जातक का जन्म अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल, या रेवती नामक 6 नक्षत्रों में से किसी एक में होता है। इन नक्षत्रों को गंडमूल नक्षत्र कहा जाता है, और इनमें जन्म लेने वाले व्यक्ति के जीवन पर विभिन्न प्रकार के नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति और उसके परिवार को आर्थिक, शारीरिक, मानसिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
हमारे वैदिक पंडित पूजा के दौरान आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे। आपको पूजा की लाइव स्ट्रीमिंग का नोटिफिकेशन और रिकॉर्डेड वीडियो प्रदान किया जाएगा। इसके साथ, आपको चयनित पूजा का विवरण और आपके नाम सहित एक प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा। हमारी सेवाओं में केवल अनुभवी एवं योग्य वैदिक पंडितों द्वारा ही पूजा कराई जाती है। इसके अतिरिक्त, पूजा का प्रसाद आपको घर पहुंच सेवा के माध्यम से भेजा जाएगा।
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गंडमूल दोष निवारण पूजा का उद्देश्य
गंडमूल दोष निवारण पूजा का उद्देश्य इन नकारात्मक प्रभावों को शांत करना और व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि, और स्थिरता लाना है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है जिनका जन्म इन 6 नक्षत्रों में हुआ हो। पूजा में विशेष मंत्रों का उच्चारण, हवन, और देवताओं की आराधना की जाती है ताकि दोष का निवारण हो सके।
गंडमूल दोष के प्रभाव
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स्वास्थ्य समस्याएँ: व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियाँ बनी रह सकती हैं, जैसे लगातार बीमारियाँ, दुर्घटनाएँ, और शारीरिक कष्ट।
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आर्थिक कठिनाइयाँ: गंडमूल दोष के कारण आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे आय में कमी, वित्तीय नुकसान, या निवेश में नुकसान।
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पारिवारिक कलह: परिवार में तनाव, कलह, और अस्थिरता हो सकती है, जिससे घरेलू शांति भंग होती है।
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विवाह में बाधा: विवाह संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे विवाह में देरी, रिश्तों में तनाव, या तलाक की स्थिति।
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जीवन में अस्थिरता: व्यक्ति के जीवन में लगातार अस्थिरता, कठिनाइयाँ, और बाधाएँ बनी रह सकती हैं।