पितृ दोष निवारण पूजा
पितृ दोष निवारण पूजा एक विशेष पूजा है जो कुंडली में पितृ दोष को शांत करने और पूर्वजों के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ दोष तब उत्पन्न होता है जब पूर्वजों की आत्मा असंतुष्ट होती है या उनके प्रति श्रद्धा और सम्मान का उचित पालन नहीं किया गया हो। पितृ दोष के कारण जीवन में कई समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे आर्थिक संकट, वैवाहिक समस्याएँ, संतान न होने की समस्या, और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ। पितृ दोष को शांत करने के लिए यह पूजा महत्वपूर्ण मानी जाती है।
हमारे वैदिक पंडित पूजा के दौरान आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे। आपको पूजा की लाइव स्ट्रीमिंग का नोटिफिकेशन और रिकॉर्डेड वीडियो प्रदान किया जाएगा। इसके साथ, आपको चयनित पूजा का विवरण और आपके नाम सहित एक प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा। हमारी सेवाओं में केवल अनुभवी एवं योग्य वैदिक पंडितों द्वारा ही पूजा कराई जाती है। इसके अतिरिक्त, पूजा का प्रसाद आपको घर पहुंच सेवा के माध्यम से भेजा जाएगा।
पितृ दोष निवारण पूजा का उद्देश्य
- पूर्वजों की आत्मा को संतुष्ट करना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना।
- पितृ दोष के कारण उत्पन्न कष्टों और बाधाओं से मुक्ति पाना।
- आर्थिक समृद्धि, स्वास्थ्य, और परिवार में शांति स्थापित करना।
- संतान प्राप्ति में आ रही अड़चनों को दूर करना।
- जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और समृद्धि प्राप्त करना।
पितृ दोष के प्रभाव:
पितृ दोष के प्रभाव व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ दोष तब उत्पन्न होता है जब किसी के पूर्वजों की आत्मा असंतुष्ट होती है या उनके प्रति उचित सम्मान और तर्पण नहीं किया गया हो। यह दोष जीवन में कई प्रकार की समस्याओं का कारण बनता है, जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं
- पितृ दोष के प्रभाव से व्यक्ति को संतान प्राप्ति में कठिनाई हो सकती है।
- पितृ दोष के कारण वैवाहिक जीवन में अस्थिरता, संघर्ष, और तनाव हो सकता है।
- पितृ दोष के कारण व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- पितृ दोष के प्रभाव से व्यक्ति को लगातार स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
- पितृ दोष के कारण परिवार में शांति भंग हो सकती है, और घर के सदस्यों के बीच तनाव और विवाद बढ़ सकते हैं।
- व्यक्ति के जीवन में बार-बार अड़चनें आती हैं और सफलता प्राप्त करने में समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
- पितृ दोष मानसिक तनाव और चिंता का कारण बनता है। व्यक्ति को मन की शांति नहीं मिलती और वह लगातार मानसिक दबाव में रहता है।