शिव तांडव स्तोत्र पाठ
शिव तांडव स्तोत्र भगवान शिव की स्तुति में एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध स्तोत्र है। इसका लेखन रावण द्वारा किया गया था, जो भगवान शिव का भक्त था। इस स्तोत्र में भगवान शिव के तांडव नृत्य का वर्णन किया गया है, जो उनके अद्वितीय और रौद्र रूप को दर्शाता है। तांडव नृत्य को सृष्टि की उत्पत्ति और विनाश का प्रतीक माना जाता है। इस पाठ का जप करने से भक्त भगवान शिव की कृपा प्राप्त करते हैं और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है।
रावन द्वारा रचित शिव तांडव स्तोत्र को बहुत ही चमत्कारी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव की उपासना के समय शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है। बता दें कि भय, रोग, दोष और संकटों से मुक्ति के लिए शिव तांडव स्तोत्र को बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है।
शिव तांडव स्तोत्र पाठ का महत्व
नियमित रूप से शिव तांडव स्तोत्र के पाठ करने से भगवान शिव सर्वाधिक प्रसन्न होते हैं। साथ ही साधक की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इसके साथ शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से कुंडली में शनि ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है। यह स्तोत्र कालसर्प दोष, कालसर्प योग और पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी कारगर माना जाता है।
नियमित रूप से शिव तांडव स्तोत्र के पाठ करने से भगवान शिव सर्वाधिक प्रसन्न होते हैं। साथ ही साधक की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इसके साथ शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से कुंडली में शनि ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है। यह स्तोत्र कालसर्प दोष, कालसर्प योग और पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी कारगर माना जाता है।
शिव तांडव स्तोत्र पाठ का नियम
भगवान शिव को समर्पित शिव तांडव स्तोत्र का पाठ सुबह या शाम अर्थात प्रदोष काल में करना चाहिए। ऐसा करने से पहले स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान स्नानादि के बाद ही स्वच्छ वस्त्र पहनें और धूप, दीप एवं नैवेद्य से उनका पूजन करें। शिव तांडव स्त्रोत का पाठ लय में करने से विशेष प्रभाव पड़ता है। पाठ समाप्त होने के बाद भगवान शिव का ध्यान करें।
शिव तांडव स्तोत्र पाठ के उद्देश्य:
- भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना: इस पाठ का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना है।
- शक्ति और साहस में वृद्धि: इस पाठ का एक उद्देश्य व्यक्ति में शक्ति और साहस का संचार करना है, जिससे वह जीवन की चुनौतियों का सामना कर सके।
- आध्यात्मिक उन्नति: शिव तांडव स्तोत्र पाठ के माध्यम से साधक की आत्मा का शुद्धिकरण और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति करना।
- कष्टों से मुक्ति: जीवन में आने वाली बाधाओं और कष्टों को दूर करने के लिए इस पाठ का पाठ किया जाता है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: इस पाठ का उद्देश्य सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करना और नकारात्मकता को दूर करना है।