कुमकुम, जिसे रोली भी कहा जाता है, हिंदू धार्मिक परंपराओं में एक अत्यंत आवश्यक और पवित्र तत्व है। यह शुद्ध लाल रंग का पाउडर उच्च गुणवत्ता वाली प्राकृतिक सामग्रियों से निर्मित होता है और दैनिक पूजा, व्रत, त्योहारों तथा धार्मिक अनुष्ठानों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
पारंपरिक रूप से इसे मस्तक पर तिलक के रूप में लगाया जाता है, जो आशीर्वाद, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है। कुमकुम का उपयोग आरती, रक्षा सूत्र बांधने और देवी-देवताओं को अर्पण के समय भी किया जाता है।
मुख्य विशेषताएँ:
100% शुद्ध और प्राकृतिक कुमकुम (रोली)
चमकदार लाल रंग – ऊर्जा और भक्ति का प्रतीक
तिलक, आरती और धार्मिक चिन्हों के लिए आदर्श
दैनिक पूजा, व्रत और त्योहारों के लिए आवश्यक
शुभ और पवित्र – सकारात्मकता और आशीर्वाद का प्रतीक
अपने घर लाएँ यह पवित्र कुमकुम और प्रत्येक पूजा एवं धार्मिक अवसर को दें आध्यात्मिक पवित्रता की विशेष अनुभूति।
उत्पाद विवरण:
रंग: चमकदार पवित्र लाल
वजन: 50 ग्राम
उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री: प्राकृतिक और त्वचा के अनुकूल सामग्रियों से बना, जो मुलायम और बारीक बनावट वाली है, जिससे लगाना आसान है
पूजा के लिए आदर्श: धार्मिक अनुष्ठानों, दैनिक पूजा और आध्यात्मिक समारोहों के लिए विशेष रूप से तैयार – भक्ति, आशीर्वाद और सकारात्मकता का प्रतीक
यह कुमकुम (रोली) हिंदू परंपराओं में पवित्रता का प्रतीक है और तिलक, पूजन चिन्ह, आरती में अर्पण और त्योहारों व विवाह जैसे मांगलिक अवसरों के लिए उपयुक्त है।
कुमकुम (रोली) के उपयोग और लाभ
आध्यात्मिक और धार्मिक उपयोग:
तिलक लगाना: पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान मस्तक पर तिलक के रूप में लगाया जाता है, जिससे दिव्य आशीर्वाद और एकाग्रता प्राप्त होती है।
हिंदू पूजन में आवश्यक: दैनिक पूजा, आरती, व्रत, और दीपावली, नवरात्रि, रक्षाबंधन, करवाचौथ जैसे त्योहारों में प्रयोग होता है।
अर्पण और चिन्ह: मूर्तियों और पूजन सामग्रियों पर लगाने के लिए, जो श्रद्धा और पवित्रता का प्रतीक होता है।
विवाह और संस्कारों में उपयोग: यह शुभता का प्रतीक है और विवाह, सगाई तथा अन्य धार्मिक संस्कारों में उपयोग होता है।
घर लाएँ शुद्ध कुमकुम (रोली) और इसके पवित्र रंग, दिव्य ऊर्जा और आध्यात्मिक प्रभाव से अपने धार्मिक जीवन को करें और भी समृद्ध!
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