कालसर्प दोष शांति पूजा
कालसर्प दोष तब बनता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह दोष जीवन में बाधाएँ, मानसिक तनाव और अस्थिरता ला सकता है। इस दोष को दूर करने के लिए कालसर्प दोष शांति पूजा की जाती है।
कालसर्प दोष शांति पूजा का उद्देश्य:
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राहु और केतु के दुष्प्रभाव को नियंत्रित करना।
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कुंडली में ग्रहों के असंतुलन को ठीक करना।
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जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार करना।
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दुर्भाग्य और असफलताओं को कम करना।
कालसर्प दोष शांति पूजा का महत्व:
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आध्यात्मिक उन्नति: यह पूजा व्यक्ति की आध्यात्मिक चेतना को बढ़ाती है।
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पूर्वजों की कृपा: माना जाता है कि यह पूजा पितृ दोष और पू के र्वजोंआशीर्वाद को प्राप्त करने में सहायक होती है।
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सुख-शांति का मार्ग: पूजा करने से जीवन में शांति, संतोष और समृद्धि आती है।
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जीवन में नई शुरुआत: यह पूजा जीवन में नई और सकारात्मक शुरुआत का प्रतीक है।
निष्कर्ष :
कालसर्प दोष शांति पूजा एक अत्यंत प्रभावी आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जो जीवन में चल रही समस्याओं को कम करने और सौभाग्य को बढ़ाने में सहायक होती है। इसे कुंडली में दोष की गंभीरता और गुरुजनों के परामर्श से करवाना चाहिए। यह पूजा केवल धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि आत्मा की शुद्धि और जीवन की कठिनाइयों को सरल बनाने का एक मार्ग है।