राहु-केतु ग्रह शांति पूजा
राहु और केतु छाया ग्रह होते हैं, जो किसी व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं। इन ग्रहों के अशुभ प्रभाव से जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे मानसिक तनाव, बीमारी, असफलता, और आर्थिक समस्याएं। राहु-केतु ग्रह शांति पूजा इन ग्रहों के दुष्प्रभावों को शांत करने और शुभ फल प्राप्त करने के लिए की जाती है। पूजा में विशेष रूप से इन ग्रहों के मंत्रों का जाप, हवन, और अन्य वैदिक विधियों का पालन किया जाता है।
राहु-केतु ग्रह शांति पूजा कैसे की जाती है?
- पूजा का समय: पूजा विशेष रूप से मंगलवार, शनिवार, और गुरुवार के दिन की जाती है, क्योंकि ये दिन राहु और केतु के प्रभाव को शांत करने के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।
- मंत्रों का जाप: पूजा में प्रमुख रूप से निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण किया जाता है:
- राहु के लिए मंत्र: "ॐ रां राहवे नमः"
- केतु के लिए मंत्र: "ॐ श्रीं केतवे नमः"
- हवन और अर्पण: पूजा के दौरान हवन (यज्ञ) और अन्य धार्मिक विधियों का पालन किया जाता है। हवन में विशेष प्रकार के सामग्रियों जैसे तिल, गुड़, औषधि, और शहद का प्रयोग किया जाता है।
- तर्पण और पिंडदान:पितृ दोष या अन्य दोषों के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है। यह विशेष रूप से तब किया जाता है जब राहु-केतु के कारण पितृ दोष हो।
राहु-केतु ग्रह शांति पूजा का उद्देश्य:
राहु-केतु ग्रह शांति पूजा का मुख्य उद्देश्य इन ग्रहों के अशुभ प्रभावों को दूर करना है ताकि व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और संतुलन आ सके। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए की जाती है जो जीवन में निरंतर असफलताओं, मानसिक तनाव, या अन्य कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
निष्कर्ष :
राहु-केतु ग्रह शांति पूजा एक महत्वपूर्ण उपाय है, जो व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने में सहायक होता है। यह पूजा राहु और केतु के दुष्प्रभावों को शांत करके मानसिक, शारीरिक, और आर्थिक रूप से जीवन में सुधार लाती है। नियमित रूप से यह पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।