गुप्त नवरात्रि: आंतरिक शक्ति जागरण का रहस्यमयी पर्व
गुप्त नवरात्रि 2025 एक रहस्यमयी पर्व है, जो साधना, तांत्रिक सिद्धि और आत्मिक जागरण के लिए श्रेष्ठ समय है। जानिए व्रत, पूजा विधि व मंत्र।

परिचय: क्या है गुप्त नवरात्रि?
जब भी हम नवरात्रि की बात करते हैं, तो हमारे मन में शारदीय और चैत्र नवरात्रि की भव्यता सामने आती है। लेकिन इसके अलावा भी साल में दो बार एक विशेष, शक्तिशाली और रहस्यमयी पर्व आता है जिसे कहा जाता है – गुप्त नवरात्रि। यह पर्व विशेष रूप से साधकों, तांत्रिकों और आध्यात्मिक जिज्ञासुओं के लिए होता है।
गुप्त नवरात्रि साल में दो बार आती है:
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आषाढ़ मास (जून-जुलाई)
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माघ मास (जनवरी-फरवरी)
गुप्त नवरात्रि की रहस्यमयी शक्ति
गुप्त नवरात्रि को आंतरमुखी साधना, तांत्रिक क्रियाएं और गुप्त सिद्धियों के लिए उपयुक्त समय माना जाता है। इस दौरान की गई साधना फलदायी मानी जाती है।
गुप्त नवरात्रि के लाभ:
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मानसिक व आत्मिक बल की प्राप्ति
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शत्रु नाश व संकटों से मुक्ति
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साधना सिद्धि और आत्मज्ञान
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नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा
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तांत्रिक उन्नति की प्राप्ति
क्यों कहा जाता है इसे ‘गुप्त’ नवरात्रि?
"गुप्त" का अर्थ है गोपनीय। इस नवरात्रि की साधनाएं जनसामान्य में प्रचारित नहीं की जातीं, बल्कि यह केवल साधकों द्वारा निजी रूप से की जाती हैं। यह आत्मिक जागरण और अंतर चेतना के विकास का समय होता है।
गुप्त नवरात्रि कैसे मनाएं?
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दुर्गा सप्तशती का नियमित पाठ करें
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मंत्र जाप:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
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योग्य गुरु से तांत्रिक साधना की दीक्षा लें
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व्रत और आहार की शुद्धि बनाए रखें
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ध्यान और मौन का अभ्यास करें
निष्कर्ष: आत्मा के उत्थान का अवसर
गुप्त नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह आत्मिक जागरण का अवसर है। यह वह समय है जब व्यक्ति बाहरी दुनिया से हटकर अपने भीतर की चेतना को जागृत करता है। यदि सही मार्गदर्शन और श्रद्धा से इस पर्व का पालन किया जाए, तो यह जीवन में स्थायी परिवर्तन ला सकता है।
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